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Saturday, April 27, 2024

पुतिन ने कहा- मॉस्को अपने लक्ष्यों को हासिल करने तक यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई जारी रखेगा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कहा है कि मॉस्को अपने लक्ष्यों को हासिल करने तक यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई जारी रखेगा। उन्होंने प्रतिबंधों के जरिये रूस को अलग-थलग करने संबंधी पश्चिमी देशों के प्रयासों का भी उपहास किया।

पुतिन ने सुदूर पूर्वी बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक में आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में कहा कि यूक्रेन में सेना भेजने के पीछे आठ साल की लड़ाई के बाद उस देश के पूर्वी क्षेत्र में नागरिकों की रक्षा करना मुख्य लक्ष्य था। उन्होंने कहा- हम वे नहीं, जिन्होंने सैन्य कार्रवाई शुरू की थी, हम इसे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।

पुतिन ने कहा, हमारी सभी कार्रवाई का उद्देश्य दोनबास के निवासियों की मदद करना है, यह हमारा कर्तव्य है और हम इस लक्ष्य को हासिल करके रहेंगे। उन्होंने जोर दिया कि रूस ने पश्चिमी देशों की पाबंदियों का सामना करते हुए अपनी संप्रभुता मजबूत की है। हमने पश्चिमी आर्थिक, वित्तीय, तकनीकी हमले का जवाब दिया है। पुतिन ने भरोसा जताया कि हमने न तो कुछ खोया है और न ही कुछ

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले सप्ताह उज्बेकिस्तान में मुलाकात करेंगे। चीन में रूसी राजदूत एंड्री डेनिसोव ने कहा, दोनों नेता 15-16 सितंबर को उज्बेकिस्तानी शहर समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में मिलेंगे। हम इसकी तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले दोनों नेताओं की मुलाकात रूस द्वारा यूक्रेन में सेना भेजे जाने के पहले बीजिंग में हुई थी।

व्हाइट हाउस का कहना है कि रूस को आतंकवाद के प्रायोजक देश के रूप में नामित करना उसे जवाबदेह ठहराने के लिए प्रभावी रास्ता नहीं है क्योंकि यूक्रेन और शेष दुनिया के लिए इसके अनपेक्षित परिणाम हो सकते हैं। प्रेस सचिव कैरन ज्यां पियरे ने कहा, यह वैश्विक खाद्य संकट को कम करने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण मानवीय और वाणिज्यिक निकायों को खाद्य निर्यात की सुविधा से दूर कर सकता है और काला सागर बंदरगाह समझौते को खतरे में डाल सकता है, जिसके कारण दुनिया में 10 लाख टन से अधिक यूक्रेनी खाद्यान्न का निर्यात हो रहा है।

संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी एजेंसी (आईएईए) ने रूस और यूक्रेन से जपोरिझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के चारों ओर परमाणु सुरक्षा तथा सुरक्षा संरक्षा क्षेत्र बनाने की मांग की है। संगठन के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने परमाणु संयंत्र का निरीक्षण करने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा, हम आग से खेल रहे हैं और कुछ बेहद विनाशकारी हो सकता है। यहां आसपास के क्षेत्र में गोलीबारी तत्काल रोकी जानी चाहिए।

युद्ध प्रभावित यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्र अब दूसरे देशों से अपनी चिकित्सा की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। विशेष परिस्थितियों पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने यूक्रेन के अकैडमिक मोबिलिटी प्रोग्राम को मंजूरी देने का फैसला किया है, ताकि भारतीय छात्र अपनी डिग्री पूरी कर सकें।

ये छात्र पढ़ाई दूसरे देशों में करेंगे और इन्हें डिग्री यूक्रेन के वही विश्वविद्यालय देंगे जहां इनका दाखिला हुआ था। एनएमसी कानून के तहत विदेशी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को शिक्षा पूरी करने और सिर्फ एक ही विश्वविद्यालय से अपनी डिग्री हासिल करनी होती है। एनएमसी ने अपने फैसले से संबंधित एक सार्वजनिक नोटिस मंगलवार को जारी किया, जिसमें कहा गया कि विदेश मंत्रालय से विचार-विमर्श के बाद यूक्रेन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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