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Monday, May 20, 2024

इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू, शिवराज सिंह चौहान ने किया ऐलान

मध्य प्रदेश के दो बड़े महानगरों इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को यह ऐलान किया। इसके साथ ही आईपीएस अधिकारियों की पुरानी मांग पूरी हो गई है। इस मांग को लेकर मध्य प्रदेश IPS एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी मुलाकात की थी। करीब दो दशक से अटका पुलिस कमिश्नर सिस्टम 2020 में 15 अगस्त को लागू किया जाना था। उस वक्त पर घोषणा टल गई थी। पुलिस मुख्यालय कई बार पुलिस कमिश्नर सिस्टम के लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेज चुका है।

पुलिस कमिश्नर सिस्टम के पिरामिड में पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, एडीजी स्तर के अधिकारी को पुलिस कमिश्नर बनाया जा सकता है। उसके नीचे एडीजी या आईजी स्तर के दो ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर होंगे। पिरामिड में एडिशनल पुलिस कमिश्नर होंगे। इसकी जिम्मेदारी आईजी या डीआईजी स्तर अफसरों को मिलेगी। डिप्टी पुलिस कमिश्नर डीआईजी या एसपी स्तर के होंगे। जूनियर आईपीएस या वरिष्ठ एसपीएस अधिकारियों को असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर बनाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार सुबह कहा कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति बेहतर है। पुलिस अच्छा काम कर रही है। पुलिस और प्रशासन ने मिलकर कई उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन शहरी जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। भौगोलिक दृष्टि से भी महानगरों का विस्तार हो रहा है और जनसंख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस वजह से कानून और व्यवस्था की कुछ नई समस्याएं पैदा हो रही हैं। उनके समाधान और अपराधियों पर नियंत्रण के लिए हमने फैसला किया है। प्रदेश के 2 बड़े महानगरों में राजधानी भोपाल और स्वच्छ शहर इंदौर में हम पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर रहे हैं। ताकि अपराधियों पर और बेहतर नियंत्रण कर सकें।
इसी तरह प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इन दोनों शहरों में बढ़ती आबादी और अपराध को देखते हुए पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। मैं गृहमंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री का आभार जताता हूं। इंदौर और भोपाल की जनता को प्रयोग के तौर पर नई प्रणाली का लाभ मिलेगा। नए जमाने के क्राइम, सोशल मीडिया, आईटी से जुड़े क्राइम को काबू करने में नया सिस्टम मददगार साबित होगा।

नई नहीं है यह घोषणा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि मध्यप्रदेश के इंदौर-भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली की घोषणा कोई नहीं है। यह घोषणा भी शिवराज जी की 22 हजार कभी नहीं पूरी हुई घोषणाओं में से ही एक है। इस घोषणा के बाद बस आईएएस और आईपीएस लॉबी को आमने- सामने कर दिया जाता है। 10 वर्ष पहले भी शिवराज जी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब में यह घोषणा की थी। जब इसे लागू नहीं कर सके तो दिसंबर 2009 में एसएसपी सिस्टम लागू किया। बाद में 18 दिसंबर 2012 में डीआईजी सिस्टम लागू कर दिया गया। 28 फरवरी 2012 को विधानसभा में मुख्यमंत्री ने खुद पुलिस कमिश्नर प्रणाली की घोषणा की थी। देखते है अगस्त-2021 की सीपीए बंद करने की शिवराज जी की घोषणा भी अभी तक पूरी नहीं हुई है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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