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Saturday, May 4, 2024

कुशीनगर से लुंबिनी के लिए रवाना हुए पीएम मोदी, नेपाल सीमा पर बढ़ी सख्ती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को कुशीनगर एयरपोर्ट से नेपाल के लुंबिनी के लिए रवाना हो गए हैं। पीएम के कार्यक्रम के कारण रविवार को भारत-नेपाल सीमा पर ज्यादा सख्ती रही, हालांकि सीमा सील नहीं है। पीएम मोदी के नेपाल दौरे से बौद्ध सर्किट के अंतर्गत कपिलवस्तु के विकास व ककरहवा सीमा सहित अन्य बिंदुओं पर कोई सहमति बनने या घोषणा होने से जिले के लोगों की सुविधाओं में वृद्धि होगी। इस कारण पीएम के नेपाल में होने वाले कार्यक्रम पर जिले के लोगों की पैनी नजर रहेगी।

दोनों देशों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता में ककहरवा व अलीगढ़वा सीमा के मद्देनजर निर्णय होने की संभावना है। इस कारण लोग पीएम मोदी की एक-एक बात सुनने को उत्सुक रहेंगे। जिले के लोगों ने भी पीएम के कार्यक्रम में शामिल होने की तैयारी की है।

जिले में रविवार को ककरहवा, अलीगढ़वा, कृष्णानगर, खुनुआं सीमा पर एसएसबी, कस्टम व पुलिस की टीम जांच में मुस्तैद रही। संदिग्धों से पूछताछ की गई और उनके सामान की जांच भी की गई।

बढ़नी प्रतिनिधि के अनुसार, नेपाल में चुनाव के दौरान सीमा सील हुई थी लेकिन पीएम के कार्यक्रम के चलते गहनता से जांच की जा रही है। ककहरा बार्डर के कस्टम सुपरिटेंडेंट अंगद ने बताया कि प्रधानमंत्री के नेपाल दौरे के लिए सीमा सील नहीं की गई है, लेकिन 24 घंटे सख्ती बरती जा रही है। बिना जांच के किसी भी व्यक्ति को सीमा पार नहीं जाने दिया जा रहा है।

बढ़नी प्रतिनिधि के अनुसार, नेपाल में चुनाव के दौरान सीमा सील हुई थी लेकिन पीएम के कार्यक्रम के चलते गहनता से जांच की जा रही है। ककहरा बार्डर के कस्टम सुपरिटेंडेंट अंगद ने बताया कि प्रधानमंत्री के नेपाल दौरे के लिए सीमा सील नहीं की गई है, लेकिन 24 घंटे सख्ती बरती जा रही है। बिना जांच के किसी भी व्यक्ति को सीमा पार नहीं जाने दिया जा रहा है।

ककरहवा में ट्रेड रूट बनने से सोनौली में कम होगी जाम की समस्या
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से स्थानीय लोगों में ककरहवा में ट्रेड रूट और अलीगढ़वा में पैसेंजर रूट बनने की उम्मीद है। महाराजगंज के सोनौली बार्डर पर प्रतिदिन करीब दो सौ वाहन आते-जाते हैं, जबकि ककरहवा में 100 वाहनों का ही भंसार होता है। इस रूट पर आयात-निर्यात की सुविधा मिले तो वाहन इधर से भी जाएंगे और सोनौली में जाम की समस्या कुछ कम हो जाएगी, जबकि अलीगढ़वा में पैसेंजर रूट के लिए भंसार शुरू हो जाए तो विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

तथागत गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी को जोड़ने वाला ककरहवा सबसे निकटतम बॉर्डर है। यहां से लुंबिनी की दूरी मात्र 9 किमी है। अलीगढ़वा से पकड़ी होते हुए लुंबिनी की दूरी 40 किलोमीटर है। यदि ककरहवा बॉर्डर खुल जाए तो सोनौली में जाम की समस्या कम हो सकती है। देश के कोने-कोने से लुंबिनी जाने वाले अधिकतर यात्री इसी रास्ते से होकर जाते हैं। अन्य देशों से आने वाले यात्रियों को सोनौली के रास्ते घूमकर लुंबिनी जाना पड़ता है। ककरहवा में अगर इमिग्रेशन ऑफिस हो जाएगा तो विदेशी यात्रियों को भी लुंबिनी जाने के लिए लंबी दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी।

अलीगढ़वा के शिक्षक अबू सहमा का कहना है कि सीमा पर और छूट मिले तो यहां व्यापार और विकास को बढ़ावा मिलेगा। वहीं वेद आश्रम ककरहवा के महंत तेजमणि त्रिपाठी ने कहा कि ककहरवा सीमा में आयात-निर्यात की सुविधा बढ़ जाए तो सोनौली में जाम की समस्या कम हो सकती है।

 

 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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