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Friday, April 26, 2024

अब भारतीय सेना को मिलेंगे उच्च क्षमता वाले ड्रोन, लॉन्च किया गया “हिम-ड्रोन-ए-थॉन”

केंद्र सरकार ने साल 2030 तक भारत को ड्रोन हब लीडर बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसी क्रम में तेजी से कार्य भी किए जा रहे हैं। आज के समय में ड्रोन का इस्तेमाल एग्रीकल्चर से लेकर डिफेंस में किया जा रहा है। डिफेंस में खासतौर से इन्हें स्ट्रेटजिकली इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे समझते हुए भारतीय सेना ने भारतीय ड्रोन संघ के सहयोग से 08 अगस्त 2022 को ‘हिम ड्रोन-ए-थॉन’ कार्यक्रम शुरू किया है। रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के अनुरूप इस पहल का उद्देश्य भारतीय ड्रोन परितंत्र को उत्प्रेरित करना और उसे केंद्रित अवसर प्रदान करना है ताकि अग्रिम पंक्ति के सैन्य-दल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अग्रणी ड्रोन क्षमताओं का विकास किया जा सके।

 

स्वदेशी ड्रोन परितंत्र के लिए भारतीय सेना का समर्थन

 

स्वदेशी ड्रोन परितंत्र के लिए भारतीय सेना का समर्थन इस सिद्धांत पर आधारित है कि ‘स्वदेश में निर्मित उपलब्ध अच्छा’ ‘विश्व स्तर पर उपलब्ध सर्वोत्तम’ से बेहतर है। हालांकि, रक्षा बलों द्वारा मांग की गई प्रौद्योगिकी में क्रमिक वृद्धि से पहले से बेहतर और अधिक सक्षम ड्रोन उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।

 

क्या है ‘हिम ड्रोन-ए-थॉन’ ?

 

‘हिम ड्रोन-ए-थॉन’ कार्यक्रम का पूरे भारत में उद्योग, शिक्षा जगत, सॉफ्टवेयर डेवलपर्स और ड्रोन उत्पाद निर्माताओं सहित सभी हितधारकों के बीच निरंतर जुड़ाव है। इसे मात्रात्मक मापदंडों (जैसे ऊंचाई, वजन, रेंज, स्थिरता आदि) के साथ कई चरणों में आयोजित किया जाएगा, जिसे प्रदर्शित क्षमताओं के आधार पर उत्तरोत्तर बढ़ाया जा रहा है।

 

क्या है आगे की योजना ?

 

इसके लिए उपयोगकर्ताओं, विकास एजेंसियों, शिक्षाविदों आदि के बीच बातचीत और विचार को शामिल करते हुए व्यापक गतिविधियों की योजना बनाई गई है। इसमें उद्योग की प्रतिक्रिया, जमीनी परिप्रेक्ष्य और आवश्यकताओं को समझने के लिए विकास एजेंसियों द्वारा परिचालन स्थानों का दौरा, आंतरिक विकास और जमीनी परीक्षणों के लिए विकास एजेंसियों को साथ रखने, और ड्रोन उत्पादों के वास्तविक संचालन और मूल्यांकन का अनुसरण किया गया है।

 

निम्नलिखित श्रेणियों में होगा विकास :

 

– उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स / वजन ले जाने वाला ड्रोन।

 

– स्वायत्त निगरानी / खोज एवं बचाव ड्रोन।

 

– निर्मित क्षेत्रों में लड़ने के लिए माइक्रो/नैनो ड्रोन।

 

ड्रोन टेक्नॉलॉजी को लेकर भारत में अद्भुत उत्साह

 

उधर, दूसरी ओर ड्रोन टेक्नॉलॉजी को लेकर भारत में अद्भुत उत्साह देखने को मिल रहा है। यह ऊर्जा भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है। यह भारत में रोजगार सृजन के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है।

 

आत्मनिर्भर भारत की तरफ बड़े कदम की ओर ड्रोन तकनीक

 

आत्मनिर्भर भारत की तरफ बड़े कदम की ओर ड्रोन तकनीक बड़ी भूमिका निभाने वाली है। आने वाले दिनों में ड्रोन पायलट प्रमाणपत्र का वर्चुअल वितरण, उत्पादों की लॉन्चिंग, पेनल चर्चा, उड़ान प्रदर्शन, मेड इन इंडिया ड्रोन टैक्सी प्रोटोटाइप इत्यादि इसके नए आयाम होंगे।

 

क्या होता है ड्रोन ?

 

‘ड्रोन’ यानि ‘अनमैंड एरियल व्हीकल’ जिसे हम मानव रहित विमान भी कहते हैं। यह आकार में बहुत छोटे होते हैं और ये रिमोट से संचालित होते हैं। वैसे यह विमान जैसा दिखता है लेकिन विमान नहीं है। इसे आप एक रोबोट के तरीके से समझिए जो कि उड़ सकता है। प्राय: इसको बैटरी चार्ज के जरिए उड़ाया जा सकता है।

 

ड्रोन देश की वर्तमान स्थिति के परिपेक्ष में कितना महत्वपूर्ण ?

 

ड्रोन देश की वर्तमान स्थिति के परिपेक्ष में कितना महत्वपूर्ण है, यदि इसे गहराई से समझना है तो सबसे पहले हमें समझना होगा कि देश की जियो पॉलिटिकल कंडिशन कैसे बदल रही है। जी हां, जब हम अपने देश में हो रहे परिवर्तनों को बारीकी से समझेंगे तो हमें समझ में आएगा कि ड्रोन वर्तमान स्थिति के परिपेक्ष में कितना महत्वपूर्ण है।

 

ड्रोन का इस्तेमाल

 

आज के समय में ड्रोन का इस्तेमाल एग्रीकल्चर से लेकर डिफेंस में किया जा रहा है। डिफेंस में खासतौर से इन्हें स्ट्रेटजिकली इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही साथ रोजमर्रा की जो हमारी इंडस्ट्री है उनमें भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा पुलिसिंग में भी ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी रखने के लिए किया जा सकता है।

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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