वैसे देखा जाए तो भविष्य में फ्यूचर ड्रोन का ही है। आने वाले वक्त में आपको माइक्रो लेवल पर किस तरीके से मैनेजमेंट संभालना है, उन सब स्थितियों में किन सब चीजों पर आप निगाह रख सकते हैं, उसमें ड्रोन बहुत अहम भूमिका निभाएंगे। ड्रोन एग्रीकल्चर की यदि हम बात करें तो सरकार जिस तरीके से बात कर रही है कि किसानों की आय को बढ़ाया जाए और उन्हें एक ऐसे लेवल पर ले जाकर खड़ा किया जाए जहां वे आंत्रप्रेन्योरशिप की तरफ से आगे बढ़ें तो इन सबमें ड्रोन काम आता है। इसके अलावा यदि किसान को अपने खेत में फसल का जायजा लेने के लिए एरियल व्यू यानि आसमान से उसे देखने की जरूरत है तो ड्रोन इसे साकार कर सकता है। वहीं यदि फसलों पर कीटनाशकों व फर्टिलाइजर का छिड़काव भी करना है तो ड्रोन इसमें बहुत अहम रोल अदा करते हैं।
बेहतर पॉलिसी के जरिए ड्रोन से जुड़े फील्ड को रेगुलराइज करने की सरकार की कोशिश
इन सारी प्रगतियों को देखते हुए लगातार सरकार इस चीज की कोशिश कर रही है कि बेहतर पॉलिसी के जरिए इस पूरे फील्ड को रेगुलराइज किया जाए और जो नए-नए स्टार्टअप आ रहे हैं उसमें इन सबको इंवॉल्व किया जाए क्योंकि अगर टेक्नोलॉजी की हम बात करें तो टेक्नोलॉजी के मामले में हमारे स्टार्टअप वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी लेकर चल रहे हैं। लेकिन किस तरीके से वर्ल्ड क्लास मार्केट में जगह बनाई जाए और किस तरह से हमारे स्टार्टअप्स को वहां बेहतर माहौल मिले केंद्र सरकार इन सबके लिए अभी से तैयारी में लगी है।
सरकार की ओर से एक कोशिश यह भी हो रही है कि सरकार की ओर से जितने भी सरकारी PSU हैं या डिफेंस PSU की बात करें या गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन हैं, पुलिसिंग की बात करें तो उनमें कोलैबोरेटिव मोड में कई तरह के स्टार्टअप हैं, उनको लेकर आगे बढ़ा जा सकता है, ये सारी कोशिशें सरकार की ओर से फिलहाल की जा रही है। ‘हिम ड्रोन-ए-थॉन’ भी इसी दिशा में एक अहम प्रयास है।