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Monday, May 20, 2024

उत्तर-पूर्वी दिल्ली: शास्त्री पार्क इलाके के लोगों को जल्द ही ताजी हवा में सांस लेने का मौका मिलेगा

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके के लोगों को जल्द ही ताजी हवा में सांस लेने का मौका मिलेगा। प्रकृति की गोद में लोग सुबह-शाम सैर कर सकेंगे। खास बात ये है कि इस शहरी वन में सैलानी वॉच टावर के माध्यम से पूरे वन की खूबसूरती देख सकेंगे, जोकि दिल्ली में अपने आप में एक नया कांसेप्ट है।

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन के पास शहरी वन को विकसित करने के लिए वन एवं वन्यजीव विभाग ने 15 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया है। इस क्षेत्र में बाड़ लगाने का काम शुरू हो गया है। पूरे क्षेत्र को हरियाली के साथ विकसित करने के साथ यहां लोगों को आधारभूत सुविधाएं भी मिल सकेंगी।

इस संबंध में वन एवं वन्यजीव विभाग के अधिकारी योजना पर काम कर रहे हैं। बता दें कि दिल्ली सरकार ने राजधानी में अंतरराष्ट्रीय स्तर के चार शहरी वनों को विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा वन एवं वन्यजीव विभाग के अलग-अलग मंडल शहरी वन को विकसित कर रहे हैं।

आधारभूत सुविधाओं पर रहेगा जोर

शहरी वन में विभाग की ओर से आधारभूत सुविधाएं देने पर जोर दिया जाएगा। यहां गजिबो , शौचालय व बेंच की सुविधा भी रहेगी। लोग सुबह योग व ध्यान के लिए भी पार्कों का रुख करते हैं, लेकिन इलाके में यह सुविधा नहीं होने की वजह से भी बेहतर जगह का विकल्प मिल सकेगा।

वॉच टावर से निहार सकेंगे सुंदरता

शहरी वन की खास बात ये होगी कि इलाके के लोग यहां वॉच टावर से पूरे वन की खूबसूरती निहार सकेंगे। साथ ही टावर का इस्तेमाल वन की निगरानी के लिए भी किया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से वनकर्मी को तैनात किया जा सकता है।

लगाए जाएंगे औषधीय पौधे

अधिकारी ने बताया कि शहरी वन में औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इसमें तुलसी, सर्पगंधा, नीम, बेल, आंवला, घृत कुमारी,अश्वगंधा, पाथरचट्टा, लैवेंडर, सदाबहार व दालचीनी समेत अन्य प्रकार के पौधे शामिल हैं। शहरी वन में पहुंचने वाले लोगों को पेड़-पौधों की भी जानकारी मिल सके, इसके लिए कुछ पेड़-पौधों के बारे में पट्टिका के माध्यम से उनके बारे में जानकारी देने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही भविष्य में यहां व्याख्या केंद्र खोलने की भी योजना है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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