मुंबई, 23 दिसंबर 2024, सोमवार। महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार उठापटक जारी है। विधानसभा चुनाव के बाद से ही सीएम पद, मंत्रालयों के बंटवारे और अब गार्जियन मंत्री के पद को लेकर खींचतान जारी है। इसमें एकनाथ शिंदे की पार्टी पर दबाव बन रहा है, क्योंकि सरकार में शामिल तीनों दल अपने-अपने विधायकों और नेताओं को हाईप्रोफाइल जिलों का पालक मंत्री बनाने की कोशिश में हैं।
खबरों के मुताबिक, ठाणे जिले, जिसे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है, वहां बीजेपी और शिवसेना के बीच तकरार देखने को मिल रही है। बीजेपी अपने नेता गणेश नाइक को ठाणे का पालक मंत्री बनाना चाहती है, जबकि शिंदे गुट इस पद पर अपना अधिकार बनाए रखने के लिए पूरा जोर लगा रहा है। गणेश नाइक और शिंदे के बीच पुरानी प्रतिस्पर्धा मानी जाती है, और अगर बीजेपी ने यह पद हासिल कर लिया तो यह शिवसेना के लिए बड़ा झटका होगा।
महाराष्ट्र में पालक मंत्री के पद को लेकर राजनीतिक दलों के बीच खींचतान जारी
महाराष्ट्र में पालक मंत्री के पद को लेकर राजनीतिक दलों के बीच खींचतान जारी है। शिवसेना नेता भरत गोगावले ने रायगढ़ में पालक मंत्री बनने का दावा किया है, लेकिन एनसीपी के अजित पवार गुट की अड़चनें यहां सामने हैं। इसी बीच, छत्रपति संभाजीनगर में शिवसेना के संजय शिरसाट और बीजेपी के अतुल सावे आमने-सामने हैं। हालांकि सावे ने कहा है कि वे महायुति के वरिष्ठ नेताओं के निर्णय को स्वीकार करेंगे।
पालक मंत्री का पद बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि उन्हें जिले के विकास और योजनाओं के लिए फंड आवंटित करने का अधिकार होता है। इसके अलावा, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे कार्यक्रमों की अध्यक्षता भी वही करते हैं। मुंबई में शिवसेना के किसी मंत्री का प्रतिनिधित्व नहीं है, और बीजेपी ने मुंबई शहर और उपनगरों के लिए मंगल प्रभात लोढ़ा और आशीष शेलार को पालक मंत्री बनाने की योजना बनाई है। शिवसेना चाहती है कि कम से कम एक पद उसके खाते में जाए। महाराष्ट्र में 42 मंत्री हैं, लेकिन 12 जिलों में किसी मंत्री का प्रतिनिधित्व नहीं है। नासिक, सतारा, पुणे और बीड जैसे जिलों में भी पालक मंत्री पद को लेकर तीनों दलों के बीच खींचतान चल रही है।