34.1 C
Delhi
Friday, May 3, 2024

जम्मू में राहुल भट्ट का अंतिम संस्कार, एलजी बोले- आतंकियों के खिलाफ जल्द होगी कार्रवाई

मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चाडूरा में गुरुवार शाम को आतंकियों ने तहसील कार्यालय में घुसकर कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या कर दी थी। शुक्रवार सुबह बनतालाब में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर जम्मू के एडीजीपी मुकेश सिंह, डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार और डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा भी मौजूद रही। मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना को विरोध का सामना करना पड़ा।

बताते चलें कि राहुल पर होने वाले हमले में शामिल दोनों आतंकी पिस्तौल से गोलियां बरसाकर फरार हो गए। हमले के बाद आतंकियों का पता लगाने के लिए पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

चाडूरा तहसील में गुरुवार की शाम आतंकियों ने पीएम पैकेज के तहत नियुक्त कर्मचारी राहुल भट्ट को करीब से निशाना बनाकर अंधाधुंध फायरिंग की। गोली लगते ही राहुल लहूलुहान होकर गिर पड़े। अचानक फायरिंग होने से कार्यालय में अफरातफरी मच गई। कर्मचारी इधर-उधर भागने लगे। इस बीच मौके का फायदा उठाते हुए आतंकी भाग निकले। उनके जाने के बाद गंभीर रूप से घायल कर्मचारी को तत्काल श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल (एसएमएचएस) ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

राहुल भट्ट नौ सितंबर 2020 को तहसील कार्यालय में क्लर्क के तौर पर नियुक्त हुए थे। वह वर्तमान में शेखपोरा विस्थापित कॉलोनी में परिवार के साथ रह रहे थे। वह मूल रूप से बडगाम जिले के बीरवाह इलाके के संग्रामपोरा के रहने वाले थे।

घटना के बाद सभी विस्थापितों की कॉलोनी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। बडगाम के शेखपोरा के साथ ही अनंतनाग के वेसू तथा उत्तरी कश्मीर में रह रहे कर्मचारियों की कॉलोनी के बाहर सुरक्षा घेरा मजबूत करने के साथ ही गश्त भी बढ़ा दी गई है। संबंधित प्रशासन का कहना है कि विस्थापितों से मिलकर उन्हें आश्वस्त किया गया है कि उनकी सुरक्षा के मुकम्मल प्रबंध किए गए हैं। घबराने की जरूरत नहीं है।

मैं बडगाम में आतंकवादियों द्वारा राहुल भट्ट की बर्बर हत्या की कड़ी निंदा करता हूं। इस घिनौने आतंकी हमले के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। इस दुख की घड़ी में जम्मू-कश्मीर सरकार शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ी है।-मनोज सिन्हा, उप राज्यपाल

अनुच्छेद 370 हटने के बाद पांच अगस्त 2019 से अल्पसंख्यक हिंदुओं तथा गैर कश्मीरियों पर हमले की घटनाएं बढ़ गई हैं। लगभग तीन साल में आतंकियों ने कम से कम 14 गैर मुस्लिमों, गैर कश्मीरियों तथा कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी है। इनमें प्रमुख कारोबारी, सरपंच तथा बीडीसी सदस्य शामिल हैं।

चार अप्रैल: शोपियां जिले के चित्रागाम में दवा कारोबारी सोनू कुमार पर हमला, इस परिवार ने आतंकवाद के दौर में भी घाटी नहीं छोड़ी थी।
नवंबर 2021: श्रीनगर में कश्मीरी पंडित कारोबारी संदीप मावा की कार को निशाना बनाकर हमला। इसमें उसके कर्मचारी की मौत हो गई थी।
अक्तूबर 2021 : कश्मीरी पंडित दवा कारोबारी एमएल बिंदरू की आतंकियों ने दुकान में घुसकर की हत्या।
जून 2020: कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता की अनंतनाग जिले में दहशतगर्दों ने हत्या कर दी थी।

अप्रैल के महीने में आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम ने कश्मीरी पंडितों को पत्र भेजकर चेताया था कि या तो वे घाटी छोड़ दें या फिर इस्लाम कबूल कर लें। इस पत्र से कश्मीरी पंडितों में दहशत का माहौल रहा। बारामुला में यह पत्र लगभग सभी पंडितों के घर पर भेजा गया। इसके बाद पंडितों ने प्रशासन ने मिलकर सुरक्षा के मुकम्मल प्रबंध कराने की मांग की।

anita
anita
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles