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Tuesday, May 7, 2024

एनआईपी को देखते हुए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जरूरतों के अनुरूप उत्पाद तैयार करने चाहिए।

111 लाख करोड़ रुपये के नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) को देखते हुए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ढांचागत परियोजनाओं की जरूरतों के अनुरूप उत्पाद तैयार करने चाहिए।

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि बुनियादी ढांचे का विभिन्न क्षेत्रों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। एनआईपी के साथ उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना, ‘मेक इन इंडिया’ जैसे कदम भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाएंगे।

जोशी ने कहा कि पीएम गतिशक्ति पोर्टल के तहत 111 लाख करोड़ रुपये के कुल खर्च वाली एनआईपी परियोजनाओं पर नजर रखी जा रही है। शुरू में एनआईपी में 6,800 परियोजनाएं थीं। अब इसमें 34 बुनियादी ढांचा उप-क्षेत्रों की 9,000 से अधिक परियोजनाएं हैं। कुल निवेश में से 44 फीसदी का वित्तपोषण केंद्र और राज्यों के बजट से होता है। बैंक, वित्तीय संस्थानों और विकास वित्त संस्थानों (डीएफआई) का इसमें 30 फीसदी हिस्सा है। इन परियोजनाओं के वित्तपोषण में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और डीएफआई को आपसी तालमेल वाला दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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