मुंबई, 17 नवंबर 2024, रविवार। महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने एक विवादित बयान दिया, जिसमें उन्होंने भाजपा और खासकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर हमला बोला। कन्हैया कुमार ने कहा कि भाजपा के लोग धर्म को बचाने की बात करते हैं, लेकिन उनका असली ध्यान कहीं और है। उन्होंने मजाक में कहा, ‘हम लोग धर्म बचाएंगे और डिप्टी सीएम फडणवीस की पत्नी रील बनाएंगी।’
इस बयान के बाद, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कन्हैया कुमार पर पलटवार किया और कहा कि उनकी टिप्पणी शर्मिंदगी भरी है। फडणवीस ने कहा कि कन्हैया कुमार को अपने बयान पर शर्म आनी चाहिए। भाजपा के प्रवक्ता शेज़ाद पूनावाला ने भी कन्हैया कुमार पर हमला बोला और कहा कि उनकी टिप्पणी महाराष्ट्र की सभी महिलाओं का अपमान है। इस विवाद ने महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार को और अधिक गरमा दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे इस मुद्दे पर क्या होता है।
कन्हैया कुमार के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी और कई लोगों ने इसकी निंदा की। यह सवाल उठता है कि क्या इस तरह के बयान राजनीति में घटिया स्तर तक पहुंचे हुए हैं? क्या धर्म और व्यक्तिगत जीवन के मामलों पर इस तरह की टिप्पणियां उचित हैं?
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के बयान राजनीति को कमजोर बनाते हैं और लोगों के बीच विभाजन पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि राजनेताओं को अपने बयानों में सावधानी बरतनी चाहिए और व्यक्तिगत हमलों से बचना चाहिए। इस विवाद के बीच, यह सवाल भी उठता है कि क्या भविष्य में होने वाले चुनावी प्रचार में इस तरह के बयान और भी ज्यादा गंभीर हो सकते हैं? क्या राजनेताओं को अपने बयानों में अधिक जिम्मेदारी दिखानी चाहिए?