भारतीय नौ सेना के आज समुंदर का सरताज मिल गया है। दरअसल, विध्वंसक INS विशाखापट्टनम आज नौ सेना के बाड़े में शामिल हो गया है। इसके शामिल होने से भारतीय नौ सेना की ताकत और भी ज्यादा इजाफा हो गया है। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि INS विशाखापट्टनम अपने नाम को सार्थक करते हुए हमारी समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करेगा। उन्होनें कहा कि वह पोत पूरी तरह स्वदेशी है। इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता कि आने वाले समय में हर अपनी ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की समुद्री जरूरतों को पूरा करेंगे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह युद्धपोत 163 मीटर लंबा है। उन्होंने बताया कि यह पोत आधुनिकतम तकनीकों से युक्त है। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक सेंसर और हथियारों के साथ यह युद्धपोत दुनिया के सबसे आधुनिक मिसाइल डिस्ट्रॉयर में से एक होगा। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि इसके निर्माण में प्रयोग किए गए फीचर्स न केवल आज की, बल्कि भविष्य की जरूरतों पर भी खरे उतरने वाले हैं। इसका सेना में शामिल होना भारत की पुरातन और मध्यकालीन समुद्री ताकत और उसके गौरवमयी इतिहास को दर्शाता है।
हमारी आत्मनिर्भरता ही दुनिया में पहचान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह युद्धपोत पूरी तरह से स्वदेशी है। इसमें विशेष प्रकार के स्टील का प्रयोग किया गया है। यही आत्मनिर्भरता किसी समय में पूरी दुनिया में हमारी पहचान हुआ करती थी। उन्होंने कहा कि वैश्विक सुरक्षा कारणों, सीमा विवादों और समुद्री गतिरोध के चलते दुनिया भर के देश अपने सैन्य ताकत को आधुनिक और मजबूत बना रहे हैं और हम भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्टें बताती हैं कि अगले एक-दो साल, यानि 2023 तक दुनिया भर में सुरक्षा पर होने वाला खर्च, 2.1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने वाला है। आज हमारे पास पूरा अवसर है, कि हम अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करें और देश को स्वदेशी शिपबिल्डिंग हब बनाने की ओर आगे बढ़ें।
आईएनएस विशाखापट्टनम की खासियतें:-
हवाई हमले से बचने के लिए आईएनएस विशाखापट्टनम 32 बराक 8 मिसाइल से लैस है।
मिसाइल सतह से हवा में मार करता है।
इसका इस्तेमाल विमान, हेलिकॉप्टर, एंटी शिप मिसाइल, ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और लड़ाकू विमान को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
आईएनएस विशाखापट्टनम 16 ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है।
आईएनएस विशाखापट्टनम की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7400 टन है।
इसकी अधिकतम रफ्तार 55.56 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
इसे चार गैस टर्बाइन इंजन से ताकत मिलती है।