कोरोना महामारी संकट और सीमा पर सैन्य गतिरोध के बीच एक चिंता की खबर आ रही है। दरअसल, भारतीय सेना की उत्तरी कमान में छह महीने से अधिक समय से चिकित्सा शाखा प्रमुख की नियुक्ति नहीं हो पाई है। चिंता की बात इसलिए भी है क्योंकि सेना की यह कमान पाकिस्तान और चीन के साथ अत्यधिक संवेदनशील सीमाओं की देखभाल करती है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है। किसी भी सेना कमान का स्वास्थ्य क्षेत्र का मेजर जनरल एक महत्वपूर्ण नियुक्ति है क्योंकि वह कर्मियों के लिए सभी चिकित्सा आवश्यकताओं के समन्वय और दूर-दराज के क्षेत्रों से सैनिकों की निकासी जैसी चिकित्सा आपात स्थितियों से निपटने के प्रभारी होते हैं।
उत्तरी कमान के सूत्रों ने कहा कि मेजर जनरल मेडिकल का पद पिछले छह महीने से खाली पड़ा है। एक अधिकारी की नियुक्ति पिछले महीने की गई थी, लेकिन अंतिम समय में बदलाव के कारण उनकी नियुक्ति में भी अब दो महीने की देरी हो गई है।
सूत्रों ने कहा कि सेना ने चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव को कई बार भेजा है लेकिन अभी तक इसपर अमल नहीं किया गया है। सूत्रों ने कहा कि उधमपुर में कमांड अस्पताल भी पिछले दो महीनों से बिना प्रमुख के चल रहा है क्योंकि कमांडेंट वहां से राष्ट्रीय राजधानी में सेना अनुसंधान और रेफरल अस्पताल में स्थानांतरित हो गया है। सशस्त्र बलों की चिकित्सा शाखा का प्रबंधन भारतीय सेना की एडजुटेंट जनरल की शाखा द्वारा किया जाता है, लेकिन यह रक्षा मंत्रालय के समग्र नियंत्रण में है।