पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को पीएम शहबाज शरीफ पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ‘भीख का कटोरा’ लेकर दुनिया भर के विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे हैं, लेकिन उनमें से कोई भी उन्हें एक पैसा नहीं दे रहा है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष ने एक स्थानीय समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि देखें कि इस आयातित सरकार ने पाकिस्तान के साथ क्या किया है।
इमरान खान ने प्रधानमंत्री की हाल की विदेश यात्राओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शहबाज शरीफ भीख का कटोरा लेकर विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे हैं, लेकिन उनमें से कोई भी उन्हें एक पैसा नहीं दे रहा है। शरीफ भारत से बातचीत के लिए भीख मांग रहे हैं, लेकिन नई दिल्ली उनसे पहले आतंकवाद को खत्म करने के लिए कह रही है। भारत ने कहा था कि वह हमेशा पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है, लेकिन ऐसे संबंधों के लिए आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल होना चाहिए।
इमरान खान की यह टिप्पणी शरीफ की संयुक्त अरब अमीरात की दो दिवसीय यात्रा के कुछ सप्ताह बाद आई है, जिस दौरान अमीरात दो अरब डॉलर का मौजूदा ऋण देने और एक अरब डॉलर का अतिरिक्त ऋण देने पर सहमत हो गया था, ताकि आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को संकट से निपटने में मदद मिल सके। उनकी संयुक्त अरब अमीरात यात्रा जिनेवा सम्मेलन के बाद हुई, जहां अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान को गर्मियों में विनाशकारी बाढ़ से पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए लगभग 10 बिलियन अमरीकी डालर प्रदान करने का संकल्प लिया।
70 वर्षीय इमरान खान ने आगे कहा कि उन्हें 100 प्रतिशत यकीन है कि शहबाज शरीफ, आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई काउंटर इंटेलिजेंस विंग के प्रमुख मेजर-जनरल फैसल नसीर उनकी हत्या के प्रयास के पीछे थे। दरअसल, इमरान को पिछले साल तीन नवंबर को पंजाब प्रांत (लाहौर से करीब 150 किलोमीटर दूर) के वजीराबाद इलाके में उनकी पार्टी की रैली के दौरान कंटेनर-माउंटेड ट्रक पर तीन गोलियां लगी थीं।
यह पूछे जाने पर कि क्या सैन्य प्रतिष्ठान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की सेवानिवृत्ति के बाद तटस्थ हो गए। इमरान खान ने कहा कि नहीं, सैन्य प्रतिष्ठान अभी भी तटस्थ नहीं है। उन्होंने सैन्य प्रतिष्ठान से पिछली गलतियों से सीखने और राजनीति से दूर रहने को कहा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सेना राजनीति में दखल देना जारी रखती है और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं होते हैं तो देश में ऐसी अराजकता होगी, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।