सतलुज-यमुना लिंक मामले पर आज हरियाणा-पंजाब के बीच बैठक होने जा रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल हरियाणा निवास में सुबह 11:30 बजे बैठक करेंगे। मगर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) का समाधान निकालने के लिए हो रही इस बैठक से पहले ही दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के तेवर तल्ख हो गए हैं। बैठक से पहले ही पंजाब के वित्त मंत्री ने साफ कर दिया है कि हम एक बूंद पानी बाहर नहीं जाने देंगे, जबकि हरियाणा पानी लेने के लिए टाइम लाइन तय करने की बात कह रहा है।
पंजाब सरकार ने बैठक में शामिल होने से पहले सारे आंकड़े जुटा लिए हैं। गिरते भूजल के आंकड़ों और खेती के लिए आ रहे संकट के साथ पंजाब सरकार अपने तर्क पेश करेगी। वहीं, हरियाणा प्रदेश में पानी की कमी के साथ दिल्ली को दिए जा रहे पानी का ब्योरा पेश करेगा। नरवाना ब्रांच से दिल्ली को 450 क्यूसिक पानी दिया जा रहा है। इस पानी का उदाहरण पेश करते हुए हरियाणा सरकार अपने हिस्से का पानी मांगेगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि एसवाईएल हरियाणा का हक है, इसलिए अब इस मामले में एक टाइम लाइन तय होना जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शुक्रवार को चंडीगढ़ में होने वाली इस अहम बैठक से कोई हल जरूर निकलेगा और हरियाणा को अपना हक मिलेगा। हरियाणा के लिए एसवाईएल का पानी बहुत जरूरी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बैठक में राज्य के हितों की रक्षा की जाएगी। राज्य सरकार इस मुद्दे पर पंजाब का पक्ष जोरदार ढंग से रखेगी। वह राज्य के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित बनाने के लिए बैठक में पूरी तैयारी से जाएंगे। पिछली सरकारों के नेता आम तौर पर ऐसी महत्वपूर्ण बैठकों से बचते रहे हैं।
पंजाब सरकार में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उम्मीद है बैठक में फैसला पंजाब के हित में होगा। हम पंजाब के पानी की एक भी बूंद बाहर नहीं जाने देंगे। पंजाब भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार पंजाबियों के हितों की रक्षा करने के लिए वचनबद्ध है। राज्य अपना हक नहीं छोड़ेगा।
ऐसे तय हुई बैठक
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को बातचीत के लिए अर्र्द्ध सरकारी पत्र लिखा था। गत 2 अक्तूबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पत्र लिखा कि 10 से 14 अक्तूबर के बीच बैठक की जा सकती है। इसके बाद पंजाब की ओर से 14 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की गई।
हरियाणा की तरफ से ये रहेंगे मौजूद
हरियाणा की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल, मुख्यमंत्री के विशेष प्रधान सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, सिंचाई विभाग में मुख्यमंत्री के सलाहकार देवेंद्र सिंह और सिंचाई विभाग के अन्य अधिकारी बैठक में मौजूद रहेंगे।
पंजाब की तरफ से ये रहेंगे मौजूद
पंजाब की तरफ से बैठक में सीएम भगवंत मान, जल संसाधन मंत्री हरजोत सिंह बैंस, मुख्य सचिव वीके जंजुआ, एजी विनोद घई, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वेणु प्रसाद, कृष्ण कुमार प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग, देवेंद्र सिंह मुख्य अभियंता और आईडी गोयल मुख्य अभियंता, गुरदीप सिंह एसई, एक्सीएन आकाशदीप सिंह मौजूद रहेंगे।