28.1 C
Delhi
Sunday, April 28, 2024

गूगल अपने क्रोम यूजर्स के लिए नया अपडेट पास-की फीचर लेकर आया, बिना पासवर्ड ही किसी भी वेबसाइट पर लॉनिग किया जा सकेगा।

गूगल अपने क्रोम यूजर्स के लिए नया अपडेट पास-की (passkey) फीचर लेकर आया है, जिसकी मदद से बिना पासवर्ड डाले ही किसी भी वेबसाइट पर लॉनिग किया जा सकेगा। पास-की फीचर की मदद से यूजर्स गूगल क्रोम और एंड्रॉयड डिवाइस में पिन के अलावा बायोमेट्रिक यानी फिंगरप्रिंट या फेस आईडी से भी लॉगिन कर सकेंगे। इसका इस्तेमाल किसी भी वेबसाइट और एप में किया जा सकेगा। उदाहरण के तौर पर समझें तो आप फेसबुक में भी फेस आईडी या फिंगरप्रिंट से लॉगिन कर सकेंगे।

कॉमन पासवर्डलेस साइन-इन

बता दें कि इसी साल मई में माइक्रोसॉफ्ट, एपल और गूगल ने कॉमन पासवर्डलेस साइन-इन की घोषणा की थी। तीनों कंपनियों के सहयोग से “Passkeys” को वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (W3C) और FIDO Alliance ने तैयार किया है। इस फीचर्स को अक्तूबर में टेस्टिंग के लिए उपलब्ध कराया गया था, लेकिन अब इस फीचर को जारी कर दिया गया है।

दरअसल, एंड्रॉयड क्रोम पर पास कीज को गूगल पासवर्ड मैनेजर में स्टोर किया जाता है। यह पास-की को यूजर्स के एंड्रॉयड डिवाइस पर सिंक करता रहता है जिसपर सेम गूगल अकाउंट को लॉगिन किया गया है। नया पास-की फीचर क्रोम डेस्कटॉप के साथ मोबाइल पर भी काम करता है। हालांकि, इसके लिए आपका पीसी विंडोज 11 और मेकओएस पर अपडेट होना चाहिए।

क्या है पास-की?

पास-की एक यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी है जो आपके डिवाइस पर स्टोर रह सकता है। यह आपके डिवाइस में यूएसबी सिक्योरिटी की तरह रह सकता है और इसकी मदद से आसानी से लॉगिन या एक्सेस किया जा सकता है। पास-की फीचर पासवर्ड से अधिक सुरक्षित और उपयोग में आसान है। इसे पासवर्ड की जगह इस्तेमाल करने के लिए डिजाइन किया गया है, यह बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए टच आईडी या फेस आईडी का उपयोग करता है।

इस फीचर की मदद से यूजर्स अन्य डिवाइस में भी वेबसाइटों या एप को सुरक्षित रूप से साइन-इन कर सकते हैं। यानी कि आपको अन्य डिवाइस में लॉगिन करने के लिए अपने ओरिजनल पासवर्ड को डालने की जरूरत नहीं होती, बल्कि आप पास-की का इस्तेमाल कर सकते हैं।

आईफोन में पहले से है पास-की सुविधा

पासवर्ड का यह नया तरीका गूगल पासवर्ड मैनेजर के साथ सिंक होता है तो आपको नए फोन में पासवर्ड को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह पासवर्ड पुराने से नए फोन में आसानी से ट्रांसफर हो सकेगा। इसके अलावा गूगल ने कहा है कि यह पासवर्ड पूरी तरह से एंड टू एंड एंक्रिप्टेड है। बता दें कि आईओएस में यह सुविधा पहले से ही है।

anita
anita
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles