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Tuesday, May 7, 2024

घिरे धीरेंद्र शास्त्री मीडिया में छाने के बाद चारों तरफ से गिर चुके हैं, कोई चमत्कारी समझ रहा है तो कोई पाखंडी

मीडिया में छाने के बाद देशभर में बागेश्वर धाम सरकार के नाम की खूब चर्चा हो रही है। इन चर्चाओं के बीच अब कुछ आलोचक भी सामने आए हैं जो बाबा धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार करने के दावे पर सवाल उठा रहे हैं। कुछ लोगों ने जहां बाबा को चुनौती दे दी तो कुछ लोगों ने इसे पाखंड बताया। लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह रही कि धीरेंद्र शास्त्री का दरबार को लेकर अब सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। कई नेताओं ने जहां तारीफ की तो कइयों ने ढोंग और झूठा करार दिया। इसके अलावा कई धर्मगुरुओं ने भी सवाल उठाए हैं। आइए जानते हैं किसने क्या कहा?

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदशक्तियों को अपनी मुट्ठी में रखने का दावा करने वाले बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार को ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ढोंग करार दिया है। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री के दावे पर सवाल उठाए हैं। यही नहीं माघ मेले में आए कई संतों ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार को सनातन संस्कृति के विरुद्ध बताया। उनका कहना है कि सनातन धर्म कभी पाखंड और अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता। उन्होंने कहा कि हम उनके लिए फूल बिछाएंगे, अगर वह कि आओ, हमारे मकानों, मठों में आई दरारों को भर दें। इसी तरह सेक्टर दो में स्थित राधा आध्यात्मिक सत्संग मंडल की अध्यक्ष डॉ. राधाचार्या ने भी बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार को अंधविश्वास करार दिया। डॉ. राधाचार्या का कहना है कि सनातन धर्म हमेशा पाखंड और अंधविश्वास से परे सुखी समाज की अवधारणा प्रस्तुत करता है। इस तरह की झाड़-फूंक से धर्म को नहीं अंध विश्वास को ही बढ़ावा मिलता है। इस पर रोक लगनी चाहिए।

मध्यप्रदेश नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने उठाए सवालमध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने भी बागेश्वर धाम से प्रमाण मांग लिया। गोविंद सिंह ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मैं सनातन धर्म में विश्वास करता हूं, लेकिन पाखंड और ढोंग में मेरा भरोसा नहीं है। देश में 80-90 प्रतिशत सनातनी रहते हैं और सभी पाखंड को ठीक नहीं मानते। जब बाबा को नागपुर की अंधविश्वास उन्मूलन समिति ने शक्तियां प्रमाणित करने की चुनौती दी तो वे वहां से क्यों भाग गए। अगर उनमें सच्चाई है तो जवाब दें। प्रामाणिकता के आधार पर जवाब दें। तांत्रिक जैसी प्रथा को प्रचारित कर रखा है, उसे प्रमाणित करें।

श्याम मानवअंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने बागेश्वर धाम सरकार को चुनौती दी थी कि वह नागपुर में उनके मंच पर आए और अपना चमत्कार दिखाएं। संस्थान ने कहा कि अगर धीरेंद्र शास्त्री ऐसा करते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपये दिए जाएंगे। श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री को ठग तक करार दे दिया।

भूपेश बघेल ने की सधी बयानबाजीकांग्रेस के कुछ नेताओं ने धीरेंद्र शास्त्री के विरुद्ध टिप्पणी की, तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि साधना के बल पर कई लोग सिद्धियां प्राप्त करते रहे हैं। लेकिन इनका उपयोग जनता के हितों के लिए किया जाना चाहिए, इससे कोई भ्रम न फैले, इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके पहले कांग्रेस नेता कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अमर उजाला से कहा था कि भारत की जनता धर्म के प्रति बेहद संवेदनशील है और नेताओं को धर्म से जुड़े मुद्दों पर टिप्पणी करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि जनता की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। हालांकि, उन्होंने धार्मिक नेताओं को भी किसी राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ता की तरह बात करने से बचने की सलाह भी दी थी।

स्वामी प्रसाद मौर्यधीरेंद्र शास्त्री पर सबसे कठोर हमला समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया है। उन्होंने कहा है कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों से जनता को भ्रमित कर रहे हैं। उन्होंने जनता में अंधविश्वास फैलाने के लिए उन्हें जेल में डालने तक की मांग की है। एक दिन पहले उन्होंने रामचरित मानस पर भी हमला किया था और कहा था कि इस ग्रंथ की कुछ पंक्तियों को निकाल देना चाहिए। उनके इस बयान पर काफी विवाद भी हुआ था।

लालू प्रसाद यादव के बेटी रोहिणी आचार्य ने की टिप्पणीलालू प्रसाद यादव के बेटी रोहिणी आचार्य ने रविवार को कई ट्वीट किए। रोहिणी ने लिखा- “बाबा बड़ी कृपा होगी आपकी. बता दें एक बार जनता को मिलेंगे कब तक उसके 15 लाख. बाबा ये भी बताने की कृपा करें केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा विशेष राज्य का दर्जा कब तक मिलेगा बिहार को.. बाबा ये भी बताने की कृपा करें केंद्र की मोदी सरकार हर वर्ष दो करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी देने के अपने अधूरे वादा को कब तक पूरा करेगी?”

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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