मुंबई, 20 अक्टूबर 2024, रविवार। ओटीटी प्लेटफॉर्म ALT Balaji की वेब सीरीज ‘गंदी बात’ के सीजन 6 के एक एपिसोड में नाबालिग लड़कियों के अश्लील दृश्य दिखाने के आरोप में, इस ऐप के पुराने प्रोड्यूसर एकता कपूर और उनकी मां शोभा कपूर के खिलाफ ये शिकायत दर्ज की गई है। दोनों के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। ऑल्ट बालाजी की वेब सीरीज ‘गंदी बात’ में धड़ल्ले से बोल्ड कंटेंट परोसा गया। सीरीज को लेकर काफी विवाद भी हुआ। वहीं, अब इसकी निर्माता एकता कपूर और उनकी मां शोभा कपूर मुसीबतों में फंस गई हैं।
मुंबई के बोरीवली स्थित एमएचबी पुलिस थाने में स्थानीय नागरिक ने ऑल्ट बालाजी की पूर्व निर्माता एकता कपूर और उनकी मां शोभा कपूर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इसमें दावा किया गया है कि फरवरी 2021 से अप्रैल 2021 के बीच ‘ऑल्ट बालाजी’ पर स्ट्रीम हुई वेब सीरीज ‘गंदी बात’ के सीक्वल में छोटे अभिनेताओं द्वारा अश्लील दृश्यों को दिखाया गया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि सीरीज से उसकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई है। दर्ज की गई FIR में कहा गया कि सीरीज में 11वीं और 12वीं के बच्चों के बोल्ड कंटेंट प्रोड्यूस करने को लेकर आपत्ति जताई है, जिनकी उम्र अमूमन 16, 17 साल है। हालांकि शिकायतकर्ता द्वारा दर्ज की गई यह शिकायत बड़े ही टेक्निकल टर्म पर है क्योंकि अभिनय करने वाले कलाकारों की उम्र बड़ी हो सकती है। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि बिना डिस्क्लेमर दिए उन्होंने सिगरेट और शराब पीने वाले दृश्यों को दिखाया। फिलहाल पुलिस ने चाइल्ड प्रोटेक्टोइन एक्ट की धारा 13, नाबालिक बच्चों के लैंगिक शोषण की धारा 15, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 – 67 ( A), BNS की धारा 295 ( A) और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
हालांकि अभी तक इस मामले में एकता कपूर या शोभा कपूर की ओर से कोई बयान नहीं आया है। हाल ही में बच्चों पर बनने वाली अश्लील फिल्मों पर अदालत की हुई टिप्पणी के बाद इन दोनों के खिलाफ ये मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि, 27 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों से जुड़े आपत्तिजनक कंटेट को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया था। दरअसल, मद्रास हाई कोर्ट की तरफ के कहा गया था इस तरह की एक्टिविटी को अपराध में शामिल नहीं किया जा सकता, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए फैसला सुनाया था कि बच्चों से जुड़े अश्लील कंटेंट को पब्लिश करना, डाउनलोड करना और देखना गुनाह के तहत आएगा।