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Thursday, May 2, 2024

“इतिहास को भूलने से हमारा अतीत नष्ट नहीं होगा”

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू अध्ययन केंद्र में दिनांक 4 मार्च 2024 को आयोजित हिंदू धर्म और सिक्खी का अटूट रिश्ता” के विषय पर एक चर्चा का आयोजन हुआ । इस चर्चा में सैंट्रल युनिवर्सिटी आफ़ पंजाब के चांसलर प्रो. जगबीर सिंह मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थिति रहे । उनके साथ हिंदू अध्ययन केंद्र के निर्देशक प्रो. ओमनाथ बिमली , सह निर्देशक डॉ. प्रेरणा मल्होत्रा भी मौजूद रहे ।

पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर प्रोफेसर जगबीर सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में हिंदू धर्म और सिखी के बीच जटिल संबंधों और सनातन के साथ सिखों के साझा मूल्यों और उनके संबंध पर प्रकाश डाला । अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि हिंदू और सिख एक अटूट बंधन साझा करते हैं। उन्होंने कहा, “इतिहास को भूलने से हमारा अतीत नष्ट नहीं होगा”। हमें भ्रांतियों को दूर करना होगा और अपने जड़ों के जुड़ाव पर फिर से विचार करना होगा।’ वर्तमान के राजनीति से प्रेरित इतिहास के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि कोई भी हिंदू और सिख को अलग नहीं कर सकता क्योंकि वे दोनों सनातन धर्म का ही हिस्सा हैं। हिंदू अध्ययन केंद्र पर उन्होंने कहा कि हिंदू अध्ययन जैसे पाठ्यक्रम धर्म और दर्शन के अध्ययन को एक अकादमिक अनुशासन के रूप में पेश करते हैं जो पिछले 75 वर्षों तक नहीं किया गया है।

अपने वक्तव्य में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर प्रोफेसर जगबीर सिंह ने कहा कि अलग पहचान निर्माण के पूरे संघर्ष को समझने के लिए फूट डालो और राज करो की औपनिवेशिक रणनीति को समझाना होगा और अब उससे बचने की ज़रूरत है । उन्होंने यह भी कहा कि हमें समावेशी हैं और सार्वभौमिक कल्याण की नीति पर चलना होगा । उन्होंने कहा कि सनातन धर्म एक विश्वदृष्टिकोण और जीवनदृष्टि है जो कल्पना का अनुसरण न करके यथार्थ को साकार करने में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि सिख ग्रंथ में भक्ति के विभिन्न आयाम का समावेश है और यही हिंदू धर्म भी सिखाता है ।

सेमिनार में विभिन्न धार्मिक परंपराओं के बीच आपसी सम्मान और प्रशंसा को बढ़ावा देने, विविधता के बीच सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया गया । बता दे कि पिछले ही वर्ष (2023) में दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दू अध्ययन केन्द्र की शुरुआत हुई थी।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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