बारामती, 2 नवंबर 2024, शनिवार: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टूट का असर पवार परिवार के दिवाली समारोह पर भी पड़ा है। शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पुणे जिले में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। अजित पवार ने जहां शनिवार शाम में बारामती में अपने पैतृक गांव काटेवाड़ी में दिवाली पाडवा उत्सव का आयोजन किया, तो दूसरी तरफ एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार का दिवाली उत्सव उनके गोविंदबाग आवास के आसपास केंद्रित रहेगा, जहां परिवार के सदस्य, पार्टी पदाधिकारी और मित्र दिवाली के अवसर पर वर्षों से एकत्र होते रहे हैं।
इस मुद्दे पर, शरद पवार की बेटी और बारामती से लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्हें उपमुख्यमंत्री द्वारा आयोजित कार्यक्रम के बारे में जानकारी नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि गोविंदबाग में आयोजित समारोह का हर किसी को इंतजार रहता है। सुप्रिया सुले ने कहा है कि राज्य भर से लोग पवार साहब को बधाई देने आते हैं, इसलिए वे इस खुशी के दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह बयान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आया है, जिसमें बारामती में अजित पवार और उनके भतीजे युगेंद्र पवार के बीच एक दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है।
पवार परिवार में इस समय फिर से दलगत विभाजन देखने को मिल रहा है, खासकर लोकसभा चुनाव के दौरान बारामती में। यह विभाजन अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़ने के फैसले से और भी स्पष्ट हुआ। यह विभाजन पिछले साल जुलाई में अजित पवार और आठ विधायकों के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टूट के बाद हुआ। बता दें, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना शरद पवार, पी. ए. संगमा, और तारिक अनवर ने 25 मई 1999 को की थी, जब उन्हें विदेशी मूल की सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध करने पर पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
वर्तमान में, निर्वाचन आयोग ने बाद में उपमुख्यमंत्री के खेमे को असली राकांपा के रूप में मान्यता दी और इसे ‘घड़ी’ चिह्न आवंटित किया, जबकि शरद पवार खेमे को राकांपा (एसपी) नाम दिया गया और इसका चिह्न ‘तुरही बजाता व्यक्ति’ आवंटित किया गया। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होना है, जबकि परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।