नई दिल्ली, 16 दिसंबर 2024, सोमवार। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस और विपक्ष ने ईवीएम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। लेकिन जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम का समर्थन किया और कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ईवीएम के माध्यम से चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ईवीएम के खिलाफ आरोप लगाने से पहले विपक्ष को अपनी हार की समीक्षा करनी चाहिए।
अब उमर अब्दुल्ला के इस बयान पर कांग्रेस के नेता मणिकम टैगोर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला का बयान निराशाजनक है और यह दर्शाता है कि वे विपक्ष की चिंताओं को समझने में विफल रहे हैं। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने उमर अब्दुल्ला पर पलटवार करते हुए कहा कि उमर अब्दुल्ला को अपने तथ्यों की जांच करनी चाहिए। टैगोर ने ट्विटर पर उमर का पुराना बयान साझा करते हुए पूछा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके सहयोगी दलों के प्रति यह रवैया क्यों बदल गया है?
उधर, उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को सलाह दी है कि वे चुनावी हार के लिए ईवीएम को दोष न दें। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के सौ से अधिक सांसद ईवीएम के जरिए संसद पहुंचते हैं, तो वे इसे स्वीकार करते हैं, लेकिन जब नतीजे उनके खिलाफ आते हैं, तो वे ईवीएम को दोष देने लगते हैं। इस मुद्दे पर विपक्ष में मतभेद साफ नजर आ रहे हैं, जहां शिवसेना-यूबीटी, एनसीपी और समाजवादी पार्टी जैसे दल ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि उमर अब्दुल्ला और अन्य नेता बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि, हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के बाद विपक्ष की ईवीएम पर नाराजगी सामने आई थी। इन चुनावों में बीजेपी ने अपने मजबूत प्रदर्शन से विपक्षी गठबंधन को करारी शिकस्त दी। इंडिया गठबंधन के नेताओं का कहना है कि जनता को ईवीएम पर भरोसा नहीं हो रहा है, लेकिन उमर अब्दुल्ला का बदला हुआ रुख चर्चा में है। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर सवाल उठाने के बजाय, विपक्ष को अपनी हार की समीक्षा करनी चाहिए।