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Tuesday, May 7, 2024

डीआरडीओ ने 2डीजी दवा के लिए गाइडलाइंस जारी की, कोविड-19 के मरीजों को डॉक्टरों की देखरेख और प्रिस्क्रिप्शन के तहत ही दवा दी जाए

कोरोना रोगियों के लिए रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा तैयार की गई दवा ‘2डीजी’ को वरदान के रूप में देखा जा रहा है। यह दवा अब रोगियों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध है। 2डीजी दवा को इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (आईएनएमएएस) ने हैदराबाद के डॉक्टर रेड्डी लेबोरेटरी के साथ मिलकर तैयार किया है। पाउडर के रूप में उपलब्ध इस दवा को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह रोगियों में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने और संक्रमितों की जान बचाने में बेहद कारगर साबित हो सकती है।
इसी संबंध में मंगलवार को डीआरडीओ ने 2डीजी दवा के इस्तेमाल को लेकर गाइडलाइंस जारी की है। संस्था की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि कोविड-19 के मरीजों को डॉक्टरों की देखरेख और प्रिस्क्रिप्शन के तहत ही यह दवा दी जाए। आइए जानते हैं डीआरडीओ ने गाइडलाइंस में और किन बातों पर जोर दिया है, साथ ही किन्हें इस दवा का सेवन न करने की सलाह दी गई है?

बिना डॉक्टरी सलाह के न लें यह दवा
डीआरडीओ की ओर से जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि 2-डीजी दवा कोरोना के रोगियों के आपात इस्तेमाल के लिए ही है। अस्पताल में भर्ती कोरोना के रोगियों में सहायक चिकित्सा के तौर पर इस दवा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। कोरोना के मध्यम और गंभीर रोगियों के इलाज के लिए डॉक्टरों की सलाह के आधार पर ही इसे प्रयोग में लाया जाना चाहिए। बिना डॉक्टरी सलाह के इस दवा का सेवन न करें।

ऐसे लोगों के लिए दवा के सेवन पर फिलहाल रोक
गाइडलाइंस में डीआरडीओ ने स्पष्ट किया है कि अनियंत्रित ब्लड शुगर, हृदय की बीमारी, एक्यूट रेसिप्रेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस), लिवर और किडनी के रोगियों पर इस दवा का परीक्षण नहीं हुआ है, ऐसे में इन रोगियों को फिलहाल 2-डीजी दवा नहीं दी जानी चाहिए। इसके अलावा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 18 साल से कम आयु के लोगों के लिए भी इस दवा के इस्तेमाल पर फिलहाल रोक है।

2-डीजी दवा के इस्तेमाल को लेकर जारी गाइडलाइंस में संस्था ने बताया है कि कोरोना के रोगी/देखभाल करने वाले लोगों को दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अस्पताल के अधिकारियों से बात करनी चाहिए। कोरोना के जिन अस्पतालों में यह दवा उपलब्ध नहीं हैं वह हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डी लैब से संपर्क करके 2-डीजी दवा प्राप्त कर सकते हैं।

वायरस को बढ़ने से रोकती है दवा
तीन चरणों के परीक्षण में वैज्ञानिकों ने पाया कि यह दवा सार्स-सीओवी-2 वायरस के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम करने के साथ वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकने में काफी मददगार साबित हो सकती है। इसका इस्तेमाल अस्पताल में भर्ती मरीजों की सेहत में तेजी से सुधार करने में काफी कारगर हो सकता है। इसके अलावा यह गंभीर मरीजों की मेडिकल ऑक्सीजन पर निर्भरता को भी कम करने में भी सहायक है। महामारी के खिलाफ तैयारियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर डीआरडीओ ने अप्रैल 2020 में इस दवा को विकसित करने की पहल शुरू की थी।
 

पाउडर के रूप में उपलब्ध है दवा
स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक यह दवा पाउडर के रूप में उपलब्ध है जिसे पानी में घोलकर इस्तेमाल किया जा सकेगा। शरीर में पहुंचते ही यह दवा संक्रमित कोशिकाओं में जमा होकर वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकने में मदद करेगी। यही गुण इस दवा को खास बनाती है। देश में कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या और ऑक्सीजन की कमी के कारण हो रही मौतों के बीच इस दवा को विशेषज्ञ वरदान के रूप में देख रहे हैं। 


स्रोत और संदर्भ: 
DRDO Guidelines

अस्वीकरण नोट: यह लेख रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा 2-डीजी दवा के इस्तेमाल को लेकर जारी गाइडलाइन के आधार पर तैयार किया गया है। खबर में डीआरडीओ का ट्वीट संलग्न है। लेख में शामिल सूचना व तथ्य आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किए गए हैं। इसमें बताई गई किसी भी दवा के उपयोग को लेकर अमर उजाला कोई दावा नहीं करता है।

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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