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Saturday, May 4, 2024

अटाला में जुमे की नमाज के बाद हिंसा के लिए साजिश रची गई थी

अटाला में जुमे की नमाज के बाद हिंसा यूूं ही नहीं भड़की थी। इसके लिए न सिर्फ पहले से साजिश रची गई थी, बल्कि मौके पर भी जानबूझकर उकसाने वाली कुछ ऐसी बातें की गईं, जिससे भीड़ हमलावर हो जाए। कुछ शरारती तत्वों ने खास तौर पर पुलिस को निशाना बनाने को कहा था। इससे उपद्रवी और उग्र हो गए और पत्थर के साथ बम-गोलियां भी चलानी शुरू कर दीं। खुल्दाबाद पुलिस की जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है। एक दरोगा ने अपने बयान में भी यही बातें कही हैं।

सूत्रों का कहना है कि बवाल मामले में खुल्दाबाद थाने में दर्ज मुकदमे में बताया गया है कि किस तरह भीड़ को उकसाया गया ताकि खूनखराबा किया जा सके। अटाला चौकी प्रभारी दीनदयाल सिंह ने इस संबंध में न सिर्फ अपने बयान, बल्कि तहरीर में भी इस बात का जिक्र किया है। बताया है कि शुक्रवार दोपहर दो बजे के करीब हजारों लोगों की भीड़ नारेबाजी करते हुए अटाला चौराहे की ओर आई। इनमें सैकड़ों नाबालिग भी शामिल थे। वह लगातार धार्मिक उन्माद फैलाने वाली नारेबाजी कर रहे थे।

अफसरों व जवानों के बार-बार कहने के बावजूद वह शांत नहीं हुए। इसके बाद जब फोर्स ने उन्हें हटाने की कोशिश की तो कुछ अराजकतत्वों ने भीड़ से कहा कि ं पुलिसवालों को किसी भी हाल में छोड़ना नहीं है।’ साथ ही हमला करने को भी कहा। जिस पर भीड़ ने पथराव, बमबाजी व फायरिंग करते हुए सर्विलांस कैमरों को तोड़ना शुरू कर दिया। साथ ही वीडियो बना रहे पुलिसकर्मियों से मोबाइल छीनने की कोशिश की।

दरोगा ने इस संबंध में बयान भी दर्ज कराया है। पुलिस अफसरों का कहना है कि तहरीर के आधार पर ही धार्मिक भावनाएं भड़काने, दो समुदायों के बीच शत्रुता फैलाने समेत अन्य आरोपों से संबंधित धाराएं मुकदमे में लगाई गईं हैं। विवेचना में सामने आए तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

उधर बवाल मामले में उपद्रवियों की धरपकड़ में लगी पुलिस टीमों ने सोमवार शाम तक 14 अन्य संदिग्धों को हिरासत में ले लिया। इन्हें गोपनीय स्थान पर रखकर पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में आला अधिकारी भी शामिल हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं, जिनके चेहरे वीडियो फुटेज में मिली उपद्रवियों की तस्वीरों से मेल खा रहे हैं। जबकि कई ऐसे भी हैं जिनके बारे में पुलिस को जानकारी मिली है कि उन्होंने बवाल में पर्दे के पीछे से भूमिका निभाई।

अटाला बवाल मामले में घटना के बाद से ही फरार चल रहे एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष शाहआलम समेत अन्य का चार दिन बाद भी पता नहीं चल सका। पुलिस की टीमें तलाश में लगी रहीं, लेकिन शाह आलम को नहीं पकड़ा जा सका। इस दौरान न सिर्फ करेली, बल्कि आसपास के कई अन्य थाना क्षेत्रों में भी दबिश दी गई। उनके रिश्तेदारों के साथ ही परिचितों के घर भी पुलिस पहुंची, लेकिन नाकामी ही हाथ लगी। फरार चल रहे अन्य प्रमुख आरोपियों में फजल खान पार्षद करेली, जीशान रहमानी आदि शामिल हैं

बवाल मामले में खुल्दाबाद थाने में दर्ज मुकदमे में बताया गया है कि किस तरह भीड़ को उकसाया गया ताकि खूनखराबा किया जा सके। अटाला चौकी प्रभारी दीनदयाल सिंह ने इस संबंध में न सिर्फ अपने बयान, बल्कि तहरीर में भी इस बात का जिक्र किया है।

अटाला में जुमे की नमाज के बाद हिंसा यूूं ही नहीं भड़की थी। इसके लिए न सिर्फ पहले से साजिश रची गई थी, बल्कि मौके पर भी जानबूझकर उकसाने वाली कुछ ऐसी बातें की गईं, जिससे भीड़ हमलावर हो जाए। कुछ शरारती तत्वों ने खास तौर पर पुलिस को निशाना बनाने को कहा था। इससे उपद्रवी और उग्र हो गए और पत्थर के साथ बम-गोलियां भी चलानी शुरू कर दीं। खुल्दाबाद पुलिस की जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है। एक दरोगा ने अपने बयान में भी

सूत्रों का कहना है कि बवाल मामले में खुल्दाबाद थाने में दर्ज मुकदमे में बताया गया है कि किस तरह भीड़ को उकसाया गया ताकि खूनखराबा किया जा सके। अटाला चौकी प्रभारी दीनदयाल सिंह ने इस संबंध में न सिर्फ अपने बयान, बल्कि तहरीर में भी इस बात का जिक्र किया है। बताया है कि शुक्रवार दोपहर दो बजे के करीब हजारों लोगों की भीड़ नारेबाजी करते हुए अटाला चौराहे की ओर आई। इनमें सैकड़ों नाबालिग भी शामिल थे। वह लगातार धार्मिक उन्माद फैलाने वाली नारेबाजी कर रहे

अफसरों व जवानों के बार-बार कहने के बावजूद वह शांत नहीं हुए। इसके बाद जब फोर्स ने उन्हें हटाने की कोशिश की तो कुछ अराजकतत्वों ने भीड़ से कहा कि ं पुलिसवालों को किसी भी हाल में छोड़ना नहीं है।’ साथ ही हमला करने को भी कहा। जिस पर भीड़ ने पथराव, बमबाजी व फायरिंग करते हुए सर्विलांस कैमरों को तोड़ना शुरू कर दिया। साथ ही वीडियो बना रहे पुलिसकर्मियों से मोबाइल छीनने की कोशिश की।

दरोगा ने इस संबंध में बयान भी दर्ज कराया है। पुलिस अफसरों का कहना है कि तहरीर के आधार पर ही धार्मिक भावनाएं भड़काने, दो समुदायों के बीच शत्रुता फैलाने समेत अन्य आरोपों से संबंधित धाराएं मुकदमे में लगाई गईं हैं। विवेचना में सामने आए तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

14 अन्य संदिग्ध हिरासत में, पूछताछ जारी

उधर बवाल मामले में उपद्रवियों की धरपकड़ में लगी पुलिस टीमों ने सोमवार शाम तक 14 अन्य संदिग्धों को हिरासत में ले लिया। इन्हें गोपनीय स्थान पर रखकर पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में आला अधिकारी भी शामिल हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं, जिनके चेहरे वीडियो फुटेज में मिली उपद्रवियों की तस्वीरों से मेल खा रहे हैं। जबकि कई ऐसे भी हैं जिनके बारे में पुलिस को जानकारी मिली है कि उन्होंने बवाल में पर्दे के पीछे से भूमिका निभाई।

एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष का नहीं मिला सुराग

अटाला बवाल मामले में घटना के बाद से ही फरार चल रहे एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष शाहआलम समेत अन्य का चार दिन बाद भी पता नहीं चल सका। पुलिस की टीमें तलाश में लगी रहीं, लेकिन शाह आलम को नहीं पकड़ा जा सका। इस दौरान न सिर्फ करेली, बल्कि आसपास के कई अन्य थाना क्षेत्रों में भी दबिश दी गई। उनके रिश्तेदारों के साथ ही परिचितों के घर भी पुलिस पहुंची, लेकिन नाकामी ही हाथ लगी। फरार चल रहे अन्य प्रमुख आरोपियों में फजल खान पार्षद करेली, जीशान रहमानी आदि शामिल हैं।

उपद्रव के बाद बाइकों से भागे थे सैकड़ों हमलावर

पुलिसकर्मियों पर पथराव व बमबाजी करने के साथ ही आगजनी करने वाले सैकड़ों उपद्रवी बाहर से आए थे। करीब तीन घंटे तक तांडव मचाने के बाद वह बाइकों पर सवार होकर भागे थे। सीसीटीवी फुटेज में वह बाइकों पर बैठकर मौके से भागते भी नजर आए हैं। अफसरों का कहना है कि उन्हें चिह्नित करने का प्रयास किया जा रहा है।

पुलिस व खुफिया एजेंसियों की जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि अटाला बवाल मामले में बहुत से उपद्रवी भाड़े पर बुलाए गए थे। उनके पेट्रोल और नाश्ते का भी इंतजाम किया गया था। इनमें से बहुत से संदिग्ध खुल्दाबाद क्षेत्र के एक पेट्रोल पंप और नाश्ते की दुकान पर भी देखे गए थे। पुलिस टीमों ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो एक और बात सामने आई। पता चला कि बवाल शांत होने के बाद भाड़े के यही उपद्रवी बाइकों से ही मौके से भागे।

सूत्रों का कहना है कि इनमें से कई ऐसे थे जिन्होंने अपनी बाइकें आसपास के मोहल्लों में खड़ी की थी। कुछ ने अपनी बाइकें मंसूरअली पार्क के पास छोड़ी थीं। इसके बाद वह पैदल ही अटाला चौराहे पर पहुंचे। इसके बाद पत्थरबाजी की और फिर हिंसा फैलाने के बाद मौके से भाग निकले। अफसरों का कहना है कि  वीडियो फुटेज में मिली तस्वीरों के जरिए उनकी पहचान की कोशिश की जा रही है। फुटेज में कुछ केबाइक के नंबर भी नजर आए हैं। इनके जरिए उन तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।

 

 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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