सुप्रीम कोर्ट ने मामले मे दखल देते हुए कहा तमिलनाडु के मंदिरों में राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के सीधे प्रसारण पर रोक लगाने के मौखिक आदेश का पालन करने के लिए कोई भी बाध्य नहीं।
जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने लाईव प्रसरण को अस्वीकृति के लिए कैसे कारण दिए गए। उन्होंने कहा यह कारण कैसे दिया जा सकता है कि किसी स्थान पर हिंदू अल्पसंख्यक हैं इसलिए आप अनुमति नहीं देंगे?
य़ह कारण क्रूरता प्रदर्शित कर्ता हैं।ऐसे कारण माने जाएंगे तो राज्य में कहीं भी अनुमति नहीं होगी।
उन्होंने कहा यह एक समरूप समाज है।केवल इस आधार पर रोक ना हो कि वहां दूसरा समुदाय बहुसंख्यक है।