रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के प्रशंसकों के लिए फिर से एक और सीजन दिल तोड़ने वाला साबित हुआ। विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद फाफ डुप्लेसिस को नया कप्तान बनाया गया। आधी से ज्यादा टीम बदली गई। इस बार एलिमिनेटर की बाधा तो पार हो गई, लेकिन फाइनल खेलने का सपना पूरा नहीं हुआ। लगातार दो एलिमिनेटर में हारने के बाद इस बार आरसीबी की टीम क्वालीफायर-2 में पहुंची, लेकिन वहां उसे हार का सामना करना पड़ा। राजस्थान रॉयल्स ने सात विकेट से जीत हासिल कर 14 साल बाद फाइनल में अपनी जगह बनाई।
आरसीबी को प्लेऑफ में पहुंचाने में भाग्य ने साथ दिया। मुंबई इंडियंस ने दिल्ली कैपिटल्स को हराकर आरसीबी को प्लेऑफ में पहुंचा दिया। वहां पर फाफ डुप्लेसिस की टीम ने मजबूत लखनऊ सुपर जाएंट्स को हराकर सबको हैरान कर दिया। आरसीबी के फैंस को लगने लगा कि उनकी टीम इस बार कमाल कर देगी, लेकिन भाग्य ने क्वालीफायर-2 में साथ नहीं दिया। इस मैच में न तो दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली का बल्ला चला और न ही फाफ डुप्लेसिस का। ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल और भारतीय टीम में वापसी करने वाले दिनेश कार्तिक का भी बल्ला खामोश रहा।
दूसरी ओर, राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन की आखिरकार भागवान ने सुन ली। 15 मैच में सिर्फ दो टॉस जीतने वाले सैमसन ने ईडन गार्डन्स में गुजरात टाइंटस के खिलाफ हार के बाद कहा था कि उन्हें भाग्य के साथ की जरूरत है। इस बार भगवान ने उनका साथ दिया। सैमसन महत्वपूर्ण मैच में टॉस जीतने में सफल रहे। उनके गेंदबाजों ने पिच की मदद से आरसीबी के दिग्गजों को आउट कर टीम का रास्ता साफ कर दिया। बाकी बचा हुआ काम जोस बटलर ने पूरा कर दिया। एक सीजन में रिकॉर्ड चौथा शतक लगाकर उन्होंने टीम को फाइनल में पहुंचा दिया।
मैच में टर्निंग पॉइंट्स
आखिरी पांच ओवर में आरसीबी ने बनाए सिर्फ 34 रन: आरसीबी ने 15 ओवर में तीन विकेट पर 123 रन बना लिए थे। रजत पाटीदार और महिपाल लोमरोर क्रीज पर थे। पिछले मैच में भी आरसीबी की स्थिति कुछ ऐसी ही थी। तब दिनेश कार्तिक और पाटीदार ने मिलकर आखिरी पांच ओवरों में विस्फोटक बल्लेबाजी की थी। इस मैच में वैसा नहीं हुआ। आरसीबी ने 16वें ओवर में पाटीदार, 18वें ओवर में लोमरोर, 19वें ओवर में दिनेश कार्तिक, वानिंदु हसरंगा और 20वें ओवर में हर्षल पटेल का विकेट गंवा दिया। पांच ओवर में सिर्फ 34 रन बने। आरसीबी की टीम 25-30 रन पीछे रह गई।
बटलर को मिला जीवनदान: राजस्थान ने 10 ओवर में एक विकेट पर 103 रन बना लिए थे। उसे जीत के लिए बाकी बचे 10 ओवरों में 55 रन बनाए थे। लक्ष्य आसान था, लेकिन मैच में कुछ भी हो सकता था। 11वें ओवर में गेंदबाजी के लिए हर्षल पटेल आए। पहली गेंद बटलर के बल्ले से लगकर पीछे की ओर गई। विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने आसान सा कैच छोड़ दिया। यह किसी भी फील्डर के सबसे आसान कैच होता, लेकिन कार्तिक उसे लपक नहीं पाए। अगर बटलर आउट हो जाते तो मैच रोमांचक स्थिति में पहुंच सकता था और क्या पता आरसीबी के पक्ष में झुक जाता।
दोनों कप्तानों का कैसा रहा प्रदर्शन?
विराट कोहली के आउट होने के बाद फाफ डुप्लेसिस ने टीम की पारी को संभाला, लेकिन तेजी से रन नहीं बना रहे थे। आखिर में वो 27 गेंद पर सिर्फ 25 रन बनाकर आउट हो गए। उनका स्ट्राइक रेट 92.59 रहा। कुछ उसी तरह की बल्लेबाजी संजू सैमसन ने भी की। उन्होंने यशस्वी जायसवाल के आउट होने के बाद बटलर के साथ टीम की पारी को संभाला। सैमसन 21 गेंद पर 23 रन बनाकर आउट हो गए। उनका स्ट्राइक रेट 109.52 का रहा। फील्डिंग के दौरान सैमसन ने सही तरीके से अपने गेंदबाजों को चलाया और आरसीबी की छोटे स्कोर पर समेटा। वहीं, अहमदाबाद में 158 रन के लक्ष्य का बचाव करते हुए प्लेसिस के पास कप्तानी में करने के लिए कुछ नहीं था।
आरसीबी के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष: रजत पाटीदार ने साबित कर दिया कि वो ‘वन मैच वंडर’ नहीं हैं। उन्होंने मुश्किल समय में एक अर्धशतकीय पारी खेली। 42 गेंद पर 58 रन बनाए और टीम को 150 के करीब पहुंचाया। वो अगले सीजन में टीम के अहम खिलाड़ी हो सकते हैं। गेंदबाजी में जोश हेजलवुड, ग्लेन मैक्सवेल और वानिंदु हसरंगा ने किफायती गेंदबाजी की। हेजलवुड ने चार ओवर में 23 रन देकर दो विकेट लिए। हसरंगा ने चार ओवर में 26 रन देकर एक विकेट लिए। मैक्सवेल ने तीन ओवर में सिर्फ 17 रन दिए।
नकारात्मक पक्ष: विराट कोहली, फाफ डुप्लेसिस, ग्लेन मैक्सवेल, दिनेश कार्तिक, महिपाल लोमरोर और शाहबाज अहमद ने निराश किया। कोहली आठ गेंद पर सात रन बनाकर आउट हो गए। यहां से टीम के लिए कुछ भी अच्छा नहीं हुआ। मैक्सवेल ने 13 गेंद पर 24 रन बनाए। लोमरोर ने 10 गेंद पर आठ, कार्तिक ने सात गेंद पर छह और शाहबाज अहमद ने आठ गेंद पर 12 रन बनाए। गेंदबाजी में मोहम्मद सिराज, शाहबाज अहमद और हर्षल पटेल महंगे साबित हुए।