29 C
Delhi
Thursday, May 2, 2024

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सूची जारी , राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे विनय कटियार को भी जगह नहीं मिली

भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची जारी कर दी है। इसमें फायर ब्रांड हिंदू नेता की छवि बना चुके वरुण गांधी और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे विनय कटियार को भी जगह नहीं मिली है। बड़बोले बयानों से भाजपा के लिए अक्सर मुश्किलें खड़ी करने वाले सुब्रह्मण्यम स्वामी भी सूची से बाहर हैं। माना जा रहा है कि अपनी मुखर छवि और कई बार केंद्र सरकार की नीतियों  या भाजपा को कटघरे में खड़े करने वाले बयानों के कारण इन नेताओं को टीम से बाहर कर दिया गया है।

वरुण गांधी खुद को उत्तर प्रदेश में भाजपा के बड़े चेहरे के रूप में पेश करते रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वे मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के रूप में देखे जा रहे थे। वे पार्टी के महासचिव भी रह चुके हैं। जिस समय भाजपा युवा चेहरों को अपनी टीम में जगह देकर उन्हें मजबूत करने का काम कर रही है उसी समय एक फायरब्रांड नेता को इस तरह राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर देने का पार्टी नेतृत्व का फैसला चौंकाने वाला है।

किसानों के हक में आवाज उठाने की सजा?
जानकारों का मानना है कि वरुण गांधी को किसानों के हक में आवाज उठाने की सजा मिली है। उन्होंने कई बार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गन्ने का मूल्य बढ़ाने की अपील की थी। लखीमपुर हिंसा के बाद वे तेजी से सक्रिय हुए और किसानों के हक में आवाज उठाई। उन्होंने आज भी एक वीडियो शेयर कर दोषी लोगों की गिरफ्तारी की मांग की है। माना जा रहा है जिस समय भाजपा किसानों के आंदोलन के कारण संकट में थी, उसी समय वरुण गांधी के ट्वीट पार्टी नेतृत्व के लिए परेशानी का सबब बनते गए। माना जा रहा है कि उनकी इस नीति के कारण ही उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर होना पड़ा।

वरुण गांधी के एक करीबी के मुताबिक वह पीलीभीत से सांसद हैं और उनकी मां मेनका गांधी सुल्तानपुर से सांसद हैं। पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और सुल्तानपुर वरुण और मेनका गांधी की राजनीतिक जमीन के रूप में देखे जाते हैं। ऐसे में स्वाभाविक तौर से उनकी जिम्मेदारी बनती थी कि वे अपने क्षेत्र के लोगों की मांग उठाएं और उनकी हक में आवाज बुलंद करें। उन्होंने यही काम किया।

उनकी मां मेनका गांधी पिछली टीम मोदी में केंद्र सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रह चुकी हैं लेकिन कद बड़ा होने के बाद भी मोदी मंत्रिमंडल 2.0 में उन्हें जगह नहीं मिली। जबकि कयास लगाए जा रहे थे कि उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले होने वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर वापस लाया जा सकता है। पार्टी के इस कदम को मेनका और वरुण गांधी का पार्टी में कद कम करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

मेनका और वरुण गांधी की तरह विनय कटियार का नाम राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची से बाहर होना लोगों को चौंका रहा है। वे बजरंग दल के बड़े नेता रहे हैं। राम मंदिर आंदोलन शुरू करने से लेकर अंत तक पहुंचाने में उनकी बड़ी भूमिका रही है, लेकिन अचानक ही पार्टी ने उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची से बाहर कर दिया है।

किसान आंदोलन और महंगाई के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की परीक्षा पास करना भाजपा के लिए एक कठिन चुनौती माना जा रहा है, लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण चुनाव के पूर्व विनय कटियार का कद कम करना एक बड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

निर्णय अच्छा या बुरा, यह फैसला जनता करेगी : कटियार
हालांकि जब अमर उजाला ने विनय कटियार से इस पर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की तो उन्होंने इसे राष्ट्रीय अध्यक्ष का विशेषाधिकार बताया। उन्होंने कहा कि यह पार्टी के अध्यक्ष का व्यक्तिगत फैसला है। वे किसी को भी टीम में रख सकते हैं या टीम से बाहर निकाल सकते हैं। वे लंबे समय तक राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रह चुके हैं और अब पार्टी नेतृत्व किसी नए चेहरे को अवसर देना चाहता है तो इसमें कुछ बुराई नहीं है। हालांकि दिग्गज हिंदू नेता कटियार का दर्द तब छलककर सामने आ गया जब उन्होंने कहा कि यह निर्णय अच्छा है या बुरा, इसका फैसला जनता चुनाव के दौरान करेगी।

स्वामी के साथ सुमित्रा महाजन का भी नाम नहीं
इसी प्रकार भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी कार्यकारिणी से बाहर कर दिए गए हैं। वह कई बार केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर गंभीर सवाल उठाते रहे हैं। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करने के कारण ही उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची से बाहर कर दिया गया है। अपनी सौम्य छवि के लिए मशहूर पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का नाम इस सूची से बाहर होना भी लोगों को खटक रहा है।

anita
anita
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles