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Sunday, November 17, 2024

बिरहा उत्सव: ग्रामीण संस्कृति की छटा का जश्न

प्रयागराज, 8 नवंबर 2024, शुक्रवार। प्रयागराज में उत्तर मध्य क्षेत्र संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित पांच दिवसीय बिरहा उत्सव के दूसरे दिन मेजा तहसील में कलाकारों ने अपने बिरहा गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत यशोदा नंद एवं दल ने देवी गीत ‘बरसे छवि माई के दुअरिया’ और ‘कवने नगरिया से नेहिया छोड़वे’ से की। इसके बाद रघुराज सिंह यादव और दल ने ‘करा जिन देरिया माई फेर द नजरिया’ और ‘योगी ब्रह्मा बनके विष्णु त्रिपुरारि दुआरी गुरू द्रोण के गये’ को पेश किया।
जय सिंह ने अपने सुरों से ‘ललना पुकारे माई ललना पुकारे, केहू के हंसावे त केहू के रोवावे, छठ गीत हाथ जोडि करिला विनितिया, छठि माई होई की’ प्रस्तुति देकर ग्रामीण संस्कृति की छटा को बिखेरा। विनोद कुमार पटेल एवं साथी कलाकारों ने ‘विमल करि केवट गोहरिया हो फिकरिया हमरी’ की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर काफी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे और कलाकारों की प्रतिभा का आनंद लिया। बिरहा उत्सव ग्रामीण संस्कृति की छटा को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो लोक कला को प्रोत्साहित करता है।

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