तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पहचान बनाने के आतुर हैं। इसी के चलते उन्होंने एक नारा दिया है ‘अबकी बार किसान सरकार’। हालांकि अपने इस नारे को लेकर वह खुद ही घिर गए हैं। भाजपा सांसद अरविंद धर्मापुरी ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के मुखिया को निशाने पर ले लिया है। धर्मापुरी ने कहा कि केसीआर को इस समय ऐसे नारे नहीं देने चाहिए, जब उनके ही राज्य के किसान मुश्किलों में घिरे हुए हैं।
भाजपा सांसद ने लगाए आरोपभाजपा सांसद अरविंद धर्मापुरी ने कहा कि ‘बेमौसम की बारिश की वजह से तेलंगाना में हजारों-लाखों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। राज्य सरकार ने अभी तक प्रभावित किसानों को कोई राहत नहीं दी है। केसीआर ने हर किसान को राहत के तहत 10 हजार रुपए की सहायता राशि देने का एलान किया था लेकिन अभी तक यह रकम जारी नहीं की गई है।’ भाजपा सांसद ने कहा कि ‘यह पहली बार नहीं है कि ऐसा हुआ है, इससे पहले साल 2022 में भी बहुत ज्यादा बारिश की वजह से राज्य के किसानों की लाखों एकड़ फसल बर्बाद हुई थी लेकिन किसानों को मुआवजे के तौर पर एक पैसा भी नहीं दिया गया था।’
भाजपा सांसद ने कहा कि ‘आज वह (केसीआर) कह रहे हैं कि अबकी बार किसान सरकार, जबकि तेलंगाना के किसान मुश्किल हालात में फंसे हुए हैं।’ अरविंद धर्मापुरी ने दावा किया कि ‘मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने बेमौसम बारिश को देखते हुए कोई योजना नहीं बनाई और ना ही किसानों को राहत देने के लिए कुछ किया। केसीआर अपनी पार्टी को महाराष्ट्र में मजबूत करने में जुटे हैं।’
क्या कहा था केसीआर ने
बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केसीआर ने ‘अबकी बार किसान सरकार’ का नारा दिया था। उन्होंने कहा था कि किसानों को उस सरकार को वोट देना चाहिए, उनके कल्याण के लिए काम करे। साथ ही केसीआर ने महाराष्ट्र में तेलंगाना मॉडल प्रशासन लागू करने की बात कही। केसीआर ने कहा कि किसानों को बदलाव का वाहक बनना चाहिए, जिससे देश का सर्वांगीण विकास हो सके।