पंजाब में आतंकवाद को जिंदा करने की कोशिश में आतंकवादी संगठन जहां यूरोप से फंड मुहैया करवा रहे हैं, वहीं पाकिस्तान से हथियार व नशा। सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में बैठकर पंजाब के युवाओं को डॉलर भेजने का लालच देकर देशद्रोही गतिविधियों के लिए उकसा रहा है। दूसरी ओर, जर्मनी के रहने वाले गुरमीत सिंह बग्गा व भूपिंदर सिंह, यूके के रहने वाले परमजीत सिंह पम्मा, कनाडा के रहने वाले हरदीप सिंह निझ्झर यूरोप में से फंड जमा कर आतंकवाद को जिंदा करने की कोशिश में लगे हुए हैं। केंद्रीय गुप्तचर एजेंसियों के मुताबिक, जर्मनी में छिपा खालिस्तानी आतंकी गुरमीत सिंह बग्गा होशियारपुर जिले का रहने वाला है। बग्गा के छोटे भाई गुरदेव सिंह उर्फ प्रायटी को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। ड्रोन के जरिये हथियारों को भेजने का आइडिया खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के प्रमुख सदस्य गुरमीत सिंह बग्गा उर्फ डॉक्टर का ही है।
यह आइडिया उसे जर्मनी व आसपास के इलाकों में ड्रग्स डीलरों द्वारा तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किए जाने से मिला था। उसने इसे पाकिस्तान में रणजीत सिंह नीटा के साथ शेयर किया और आईएसआई को बग्गा ने ही यूके से पूरे टिप्स दिए कि कैसे हथियारों को ड्रोन के जरिये भारत में गिराया जा सकता है।
बग्गा यूरोप में खालिस्तान की पूरी साजिश तैयार कर रहा है और उसने काफी लोगों को इस नेटवर्क से जोड़ रखा है। परमजीत सिंह पम्मा एनआईए की लिस्ट में वांटेड आतंकी है। उसके खिलाफ कई देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। उसे केंद्र सरकार ने आतंकवादी घोषित कर रखा है।
यूके में बसे पम्मा पर आरएसएस के नेता रूलदा सिंह की हत्या का आरोप है। 1992 तक पम्मा छोटे अपराध में शामिल था, दो साल के बाद वह जर्मनी चला गया, वहां से वह पाकिस्तान पहुंच गया और बब्बर खालसा इंटरनेशनल में शामिल हो गया।
केंद्रीय जांच एजेंसी के आला अधिकारी के मुताबिक, यूरोप से फंड पाकिस्तान भी भेजा जा रहा है और हवाला के जरिये पंजाब भी। पाकिस्तान में हथियारों के लिए और पंजाब में युवाओं को आतंकवाद की लहर से जोड़ने के लिए। पाकिस्तान में बैठे हरविंदर सिंह रिंदा को भी यूरोप से पूरी मदद मिल रही है, उसके संबंध यूके के पम्मा से काफी निकटवर्ती बन चुके हैं।