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Saturday, May 18, 2024

असम: इस साल अब तक बाढ़ और भूस्खलन के कारण राज्य में 55 लोगों की मौत हो चुकी है।

असम में भीषण बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और बाढ़ के कारण हालत इस कदर बिगड़ चुके हैं कि राज्य के 28 जिलों के 2,930 गांवों में इससे 18.95 लाख लोग प्रभावित हुए है। इस साल अब तक बाढ़ और भूस्खलन के कारण राज्य में 55 लोगों की मौत हो चुकी है। होजाई में शुक्रवार की देर रात बाढ़ प्रभावितों को लेकर जा रहे नाव के डूबने से तीन बच्चे लापता हो गए जबकि 21 लोगों को बचा लिया गया।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे असम की बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए फोन किया था। सरमा ने ट्वीट किया, उनके आश्वासन और उदारता के लिए कृतज्ञ हूं। इस प्राकृतिक आपदा के कारण लोगों को हो रही कठिनाई पर उन्होंने चिंता व्यक्त की और पीएम ने राज्य को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक शनिवार को राज्य में येलो अलर्ट जारी किया गया। राज्य में करीब 1.08 लाख लोग 373 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। पिछले 24 घंटे में डिमा हसाउ, ग्वालपाड़ा, मोरिगांव, कामरूप और कामरूप (मेट्रो) जिले में भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं।

वहीं, निचले असम के नलबाड़ी जिले में हालात बदतर हैं। यहां 1.23 लाख लोग बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं। पश्चिम नलबाड़ी, घोग्रापार, बरभाग, नलबाड़ी, टिहू, बरखेत्री राजस्व चक्र में 203 गांव पूरी तरह जलमग्न हैं।

नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए रेल विभाग ने डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया से चलने वाली ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द कर दिया है

सेना के गजराज कोर ने बृहस्पतिवार से स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर बाढ़ राहत अभियान शुरू कर दिया है। सेना की ओर से बाक्सा, नलबाड़ी, दरंग, तामुलपुर, होजाई और कामरूप में अभियान चलाया जा

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के मुताबिक दरंग जिले के सिपाझार इलाके में बाढ़ के कारण एनएच-15 डूब गया है। राजमार्ग पर यातायात बंद होने से सैकड़ों ट्रक फंस गए हैं। राज्य में बारिश और बाढ़ के कारण अब तक 13 तटबंध टूट गए, जबिक 64 सड़के और एक पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की ओर से शनिवार को जारी बुलेटिन में बताया गया है कि नगांव जिले में कपिली नदी उफान पर है। वहीं, ब्रह्मपुत्र, जिया भराली, पुथीमारी, मानस, बेकी, बराक और कुशिआरा नदियों का जल खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। राज्य में 43,338 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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