अपनी गायकी के 50 साल पूरे कर रहीं अनोखी गायिका अनुराधा पौडवाल उन चुनिंदा गायिकाओं में से हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल में मुकेश, मोहम्मद रफी और किशोर कुमार तीनों के साथ गाने गाए। मोहम्मद रफी और किशोर कुमार के बारे में अनुराधा तो खूब आनंद लेकर बातें करती हैं लेकिन जैसे ही बात मुकेश की चलीं, तो उनका चेहरा दमक उठा। वह बताती हैं, ‘मुकेश जी बहुत तेजस्वी व्यक्तित्व के थे। उनका आभा मंडल कमाल का था। मुझे याद है जब पहली बार मैं उनसे मिली थी और उनका चेहरा देखा था तो मुझे ऐसा लगा कि कोई देवदूत या फिर भगवान हैं। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मेरा पहला गाना उनके साथ था। हालांकि, वह फिल्म रिलीज नहीं हुई, लेकिन मुझे हमेशा उनका बहुत प्यार मिला।’
वह बताती हैं कि गाते समय आपको कैसे आपको रिदम में आना है और कैसे दर्शकों से कनेक्ट करना है? ये सब उन्होंने रफी और मुकेश से ही सीखा। अनुराधा बताती हैं, ‘रिदम में आने से ज्यादा जरूरी है कि किस सतह से पब्लिक को इनवाल्व करना है। यह सब सबके आशीर्वाद का फल है। मैं तो बहुत स्पष्ट थी कि अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान।
ये पूछे जाने पर कि मुकेश की आवाज में उनको क्या समझ में आता था? अनुराधा पौडवाल बताती हैं, ‘वैसे तो तीनों दिग्गज ऐसे थे जैसे एक एक सूरज। लेकिन मुकेश जी की आवाज में हर गाने की एक एक पंक्ति सच में लगती है। जब -जब बोलते थे तो ऐसा लग रहा था कि सच बोल रहे हैं। ऐसी क्वालिटी बहुत कम लोगों में होती है। इस वजह से वह एक ऐसे सिंगर हैं, दुनिया भर में जहां भी कार्यक्रम होते हैं लोग मिलते हैं तो लगता है कि हमारी बात यह दोहरा रहे हैं। उनका कोई सैड सॉन्ग है, तो सुनकर ऐसा लगता है कि किसी ने हमारा ही दिल तोड़ दिया है।’