वाराणसी, 9 मार्च 2025, रविवार। वाराणसी में रंगभरी एकादशी की परंपरा को लेकर इस बार प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। प्रशासन ने पूर्व महंत पुत्र को नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्हें किसी भी अनुमति के बिना प्रतिमा निकालने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। प्रशासन का कहना है कि महंत कुलपति तिवारी की मृत्यु के बाद श्री काशी विश्वनाथ न्यास ने किसी भी बाहरी प्रतिमा या आयोजन को मंदिर परिसर में प्रवेश करने से स्पष्ट रूप से मना किया है। इस बीच, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने रंगभरी एकादशी की पालकी और कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही है, जिसके बाद प्रशासन चौकन्ना हो गया है और टेढ़ीनीम क्षेत्र में फोर्स तैनात करने की तैयारी में है।
काशी की परंपरा पर हमला! रंगभरी एकादशी पर पालकी यात्रा रोकने पर किशन दीक्षित ने जताई नाराजगी
काशी की परंपरा और पहचान को नष्ट करने की कोशिशों पर समाजवादी पार्टी युवजन सभा के प्रदेश महासचिव एवं महामृत्युंजय मंदिर के महंत किशन दीक्षित ने जोरदार हमला बोला है। उन्होंने रंगभरी एकादशी पर पालकी यात्रा रोकने की घटना को शर्मनाक और कायराना कृत्य करार दिया। किशन दीक्षित ने सवाल किया कि क्या बनारस प्रशासन काशी की परंपराओं को नष्ट करने के लिए किसी विशेष एजेंडे के तहत काम कर रहा है? उन्होंने कहा कि लगभग 300 साल से अधिक समय से चल रही रंगभरी एकादशी पर काशी विश्वनाथ मंदिर महंत आवास से निकलने वाली पालकी यात्रा को रोकने के पीछे क्या मकसद है।
उन्होंने काशीवासियों से अपील की कि वे अपनी पहचान और संस्कृति को नष्ट न होने दें। उन्होंने कहा कि यह समय काशी की परंपराओं को बचाने का है, और हमें एकजुट होकर इसकी रक्षा करनी चाहिए।