कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। एक ही रात में दो मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने छह आतंकी मार गिराए। मारे गए आतंकियों में दो पाकिस्तानी आतंकी हैं। चार स्थानीय आतंकियों का भी सफाया हुआ है। आतंकियों के पास से दो एम-4 राइफल और चार एके-47 राइफल बरामद हुई हैं। इसकी पुष्टि आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने की है। मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हुआ है। जबकि सेना के दो और पुलिस का एक जवान घायल भी हुआ।
आतंकियों के पास से बरामद एम-4 राइफल ने सुरक्षा
एजेंसियों को एक बार फिर चौकन्ना कर दिया है। इससे पहले 14 मार्च 2021 को शोपियां जिले के रावलपोरा इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर आतंकी जहांगीर मारा गया था। उसके पास से सुरक्षाबलों ने एम 4 राइफल व कारतूस बरामद किए थे। बीते साल कुलगाम में हुई मुठभेड़ में मारे गए इमरान भाई नामक जैश के पाकिस्तानी आतंकी से दो हथियार बरामद हुए थे जिनमें से एक एम-4 राइफल थी।
आतंकियों की पसंद है एम 4 राइफल
अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एम 4 राइफल आतंकियों का पसंदीदा हथियार है। पाकिस्तान इसे आतंकियों को उपलब्ध कराता है। वजन में हल्की होने के कारण यह लाने-ले जाने में आसान होती है। इससे आतंकी ज्यादा दूरी से वार कर सकते हैं, क्योंकि इसके ऊपर साइट लगी रहती है।
इसकी बड़ी खासियत है कस्टमाइज़ेशन। इसमें कई सारी चीजें जोड़ी जा सकती हैं। दूर तक देखने के लिए टेलीस्कोप का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी मारक क्षमता करीब 600 मीटर होती है। साथ ही यह 950 गोलियां लगातार दाग सकती है।
मुठभेड़ में मारे जा रहे जैश के आतंकियों से एम-4 कार्बाइन राइफल मिल रही हैं। इसे पाकिस्तान से आतंकियों के लिए भेजा जा रहा है। इसका कारण ये है कि आतंकियों को इस अमेरिकी हथियार को चलाने की अच्छी ट्रेनिंग हासिल है। ये उनका पसंदीदा हथियार है। इससे आतंकी ज्यादा दूरी से वार कर सकते हैं, क्योंकि इसके ऊपर साइट लगी रहती है।
एम-4 का वजन काफी कम होता है।
इसकी बड़ी खासियत है कस्टमाइज़ेशन। इसमें कई सारी चीजें जोड़ी जा सकती हैं।
दूर तक देखने के लिए स्कोप का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसकी मारक क्षमता करीब 600 मीटर होती है।
साथ ही यह 950 गोलियां लगातार दाग सकती हैं।