वाराणसी, 12 दिसंबर 2024, गुरुवार। वाराणसी में सनातन रक्षक दल की ओर से चलाए जा रहे अभियान के तहत शहर के मंदिरों से साईं प्रतिमाओं को हटाने का काम जारी है। अब तक शहर के 42 मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटाई जा चुकी है, जबकि 10 से अधिक मंदिरों में पुजारियों ने प्रतिमाओं को कपड़े से ढंक दिया है।
इस अभियान को लेकर सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा है कि उनका मकसद शहर के मंदिरों को साईं की प्रतिमा से मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि साईं की पूजा करना सनातन धर्म के सिद्धांतों के विरुद्ध है। वहीं, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने भी इस अभियान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि साईं की कथा को स्थानीय स्तर पर विस्तार दिया गया है, जो सनातन धर्म और हिंदुओं को भ्रमित करने और पथभ्रष्ट करने के लिए चलाई गई एक योजना है।
इस अभियान के तहत शहर के बड़ा गणेश मंदिर और पुरुषोत्तम मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों से साईं प्रतिमाओं को हटाया गया है। बड़ा गणेश मंदिर में तो साईं की प्रतिमा के स्थान पर वाटर कूलर लगवाया दिया गया है, जबकि पुरुषोत्तम मंदिर में साईं की प्रतिमा के स्थान पर मां काली की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई है।
वाराणसी में साईं प्रतिमा विवाद: पुजारी ने वापस ली तहरीर, समर्थन में आए साधु-संत
वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा हटाने के मामले में एक नया मोड़ आया है। रेशम कटरा स्थित मंदिर के पुजारी ने अपनी तहरीर वापस ले ली है और मंदिर में स्थापित साईं की प्रतिमा को कपड़े से ढंक दिया है। इससे पहले, पुलिस ने पुजारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करके प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा को जेल भेज दिया था। काशी के मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटाने के अभियान को शंकराचार्य, काशी विद्वत परिषद, व्यासपीठ से कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर, प्रदीप मिश्रा, हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास सहित काशी के साधु-संतों व मंदिरों के महंतों ने अपना समर्थन दिया है। चारों पीठ के परम् पूज्य जगतगुरु शंकराचार्य जी और अखिल भारतीय विद्वत परिषद एवं तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य और बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री और पूर्व डीजीपी बिहार कथा वाचक गुप्तेश्वर पाण्डेय ने भी समर्थन किया है।