नई दिल्ली, 9 दिसंबर 2024, सोमवार। शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने दिल्ली कूच स्थगित कर दिया है, लेकिन किसान आंदोलन के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें शंभू बॉर्डर समेत सभी हाईवे को खोलने के निर्देश केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को देने की मांग की गई थी।
याचिका में कहा गया है कि इस तरह हाईवे को अवरुद्ध करना लोगों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है और यह नेशनल हाईवे एक्ट और भारतीय न्याय संहिता के तहत भी अपराध है। इसलिए, हाईवे को रोकने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में यह तय किया जाएगा कि क्या किसानों को हाइवे से हटाने के निर्देश दिए जाएंगे या नहीं। इसके अलावा, कोर्ट यह भी तय करेगा कि क्या किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बहुत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह न केवल किसानों के भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि यह देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करेगा।
बता दें, शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच के इरादे से आगे बढ़ा, लेकिन हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली के लिए पैदल मार्च स्थगित कर दिया। पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि कम से कम 8 किसान घायल हुए हैं और उनमें से एक को चंडीगढ़ के पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि हमने ‘जत्था’ (101 किसानों का समूह) वापस बुला लिया है।