उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने जुम्मे की नमाज और चंदौसी कोर्ट में सुनवाई से पहले सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष कदम उठाए हैं। सम्भल को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और पूरे क्षेत्र में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। सम्भल और चंदौसी में कुल 15 कंपनियां पीएसी, 2 कंपनियां आरएएफ और 10 जिलों से पुलिस बल को तैनात किया गया है। इसके साथ ही महिला पुलिस की टीमें भी संवेदनशील इलाकों में ड्यूटी पर लगाई गई हैं।
पुलिस ने ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी कैमरों के जरिए सभी संवेदनशील स्थानों पर नजर रखने की व्यवस्था की है। इसके अलावा, कई पुलिसकर्मी विशेष रूप से रिकॉर्डिंग कैमरों के साथ तैनात रहेंगे, ताकि हर गतिविधि का बारीकी से निरीक्षण किया जा सके।
संभल में धारा 163 लागू कर दी गई है, जिससे चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। सुरक्षा के लिहाज से सम्भल में इंटरनेट सेवाओं को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि जामा मस्जिद के बाहर किसी भी तरह की नमाज अदा करने की अनुमति नहीं होगी। नमाज केवल मस्जिद के अंदर ही अदा की जा सकेगी, और इस दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मस्जिद के सभी दरवाजों पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का हथियार लेकर मस्जिद के अंदर न जा सके।
दंगा निरोधी दस्ते की टीमों को जामा मस्जिद और चंदौसी कोर्ट परिसर के आसपास तैनात किया गया है। जामा मस्जिद के आसपास के घरों की छतों पर भी पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि क्षेत्र की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। इसके साथ ही, पुलिस ने जुम्मे की नमाज से पहले 50 से अधिक असामाजिक तत्वों को एहतियातन हिरासत में लिया है।
प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी संभावित कदम उठाए जाएं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने लगातार गश्त करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। सम्भल पुलिस के इन व्यापक सुरक्षा उपायों का उद्देश्य न केवल कानून-व्यवस्था को बनाए रखना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रकार की अफवाह या असामाजिक गतिविधि को रोका जा सके। सम्भल में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है।