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Friday, June 20, 2025

न्याय की प्रतीक्षा में डॉक्टर्स: कोलकाता में लेडी डॉक्टर की हत्या के 3 महीने बाद भी इंसाफ का इंतजार

नई दिल्ली, 9 नवंबर 2024, शनिवार। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मेडिकल छात्रा के साथ घिनौने अपराध के तीन महीने बीत चुके हैं। दोषियों को अभी तक सजा नहीं मिली है, जिससे जूनियर डॉक्टर न्याय की मांग कर रहे हैं। सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया है, लेकिन न्याय की प्रतीक्षा अभी भी जारी है। यह मामला नौ अगस्त को सामने आया था, जब जूनियर डॉक्टर का शव मिला था। आरोपी संजय रॉय जेल में है, लेकिन न्याय की मांग अभी भी जारी है।
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने न्याय की मांग को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने 9 नवंबर को यानी आज दोपहर 3 बजे कॉलेज स्क्वायर से धर्मतल्ला तक जुलूस निकालने का आह्वान किया है, जिसमें वे सीबीआई की जांच पर सवाल उठा रहे हैं। इस दौरान रक्तदान शिविर भी लगाया जाएगा और जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन की तस्वीर दिखाई जाएगी। यह एक मजबूत संदेश है न्याय की मांग के लिए।
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने पिछले बुधवार को मशाल मार्च निकाला, जिसमें उन्होंने कई सवाल उठाए। जूनियर डॉक्टरों ने सीबीआई की चार्जशीट पर भी सवाल उठाए, जैसे कि शव परीक्षण के नमूने को 9 अगस्त को लेने के बाद 14 तारीख को फोरेंसिक लैब में भेजने में देरी क्यों हुई? संजय रॉय के खून से सने कपड़े 12 तारीख को बैरक से लाए गए, लेकिन गिरफ्तारी 9 तारीख की रात को हुई थी। इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं।
जूनियर डॉक्टरों ने आरोप पत्र में कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि मृतका के माता-पिता अस्पताल पहुंचने के बाद तीन घंटे तक शव के पास क्यों नहीं जा सके? इसके अलावा, घटना की सूचना पुलिस को कब दी गई, इसका भी कोई जिक्र नहीं है। जूनियर डॉक्टर देबाशीष हलदर ने सवाल उठाया कि कॉलेज अधिकारियों ने एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की? और अभया के माता-पिता को क्यों एफआईआर दर्ज करनी पड़ी? ये सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं।
उन्होंने पूछा है कि अभया के माता-पिता को शव के पास आने की इजाजत क्यों नहीं थी? उन्हें शव का दाह संस्कार करने की अनुमति क्यों नहीं दी गई? इसके अलावा, अंतिम संस्कार में पुलिस की इतनी तेजी की वजह क्या है? किसने आदेश दिया और किसके आदेश पर घर के लोगों को दाह संस्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई?
आरोप पत्र के अनुसार, संजय रॉय ने अस्पताल में कई जगहों पर घूमा, लेकिन उसकी गतिविधियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। देबाशीष हलदर ने पूछा है कि क्या संजय करीब आधे घंटे तक चौथी मंजिल पर था? वह वहां क्या कर रहा था? ये सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं और जूनियर डॉक्टरों को न्याय की मांग के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है।

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