वाराणसी, 27 अक्टूबर 2024, रविवार। 33 साल पहले हिंदू पक्ष की ओर से ASI सर्वे और सेंट्रल डोम के नीचे खुदाई की याचिका ख़ारिज होते ही सनातन प्रेमियों को बड़ा झटका लगा है। वहीं, अब इस मामले में जगद्गुरु रामभद्राचार्य का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा हम हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, फैसला हमारे पक्ष में होगा। बता दें, स्वामी रामभद्राचार्य ने अयोध्या में प्रभु राम जन्म के 441 प्रमाण दिए थे। जब खुदाई हुई तो उनमें से 437 प्रमाण सही साबित निकले थे। अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मामला जब कोर्ट में चल रहा था, तब स्वामी रामभद्राचार्य से मुस्लिम जज ने पूछा कि क्या प्रभु राम के जन्म का प्रमाण किसी वेद में है क्या? तब स्वामी रामभद्राचार्य ने बताया कि अथर्ववेद के दशम कांड के 31वें अनु वाक्य के द्वितीय मंत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 8 चक्रों व नौ प्रमुख द्वार वाली श्री अयोध्या देवताओं की पुरी है। उसी अयोध्या में मंदिर महल है। उसमें परमात्मा स्वर्ग लोक से आए। साथ ही यह भी लिखा है कि प्रभु राम के जन्मस्थान से 300 धनुष की दूरी पर सरयू नदी बहती है।
ASI सर्वे कराने की थी मांग
हालांकि, हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट के इस फैसले पर कहा गया कि इसे झटका मत बोलिए। इस फ़ैसले के खिलाफ हम इलाहाबाद हाईकोर्ट जाएंगे। मूलवाद 1991 के मेन पिटिशनर विजय शंकर रस्तोगी थे। मूलवाद 9131 और 32 अराजी नंबर पर कोर्ट ने फैसला दिया। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के बाकी हिस्सों की ASI सर्वे के साथ सेंट्रल डोम के नीचे खुदाई करने की याचिका दायर की थी। जिसका मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया था। मुस्लिम पक्ष ने यह दलील दी थी कि पहले सर्वेक्षण का काम हो चुका है। ऐसे में फिर से सर्वे कराने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है।
खुदाई से मस्जिद को नुकसान
मुस्लिम पक्ष ने विरोध करते हुए दावा किया कि खुदाई से मस्जिद को नुकसान हो सकता है, इसके लिए मुस्लिम पक्ष ने 19 अक्टूबर को सर्वे कराए जाने के मामले में अपना पक्ष कोर्ट में रखा था। मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का हवाला देते हुए वाराणसी जिला कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई करने का निवेदन किया था।