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Friday, March 14, 2025

रामजी की नगरी के थानेदार साहब की अजब-ग़ज़ब चलन ।

मृत्यु के 40 मिनट बाद मृत व्यक्ति पर अयोध्या के थानेदार साहब ने लिख दिया मुक़दमा

29 जुलाई की घटना पर 8 अगस्त को दोपहर 3:10 मिनट पर लिखा गया मुक़दमा

अयोध्या के थानेदार साहब ने एक ऐसे व्यक्ति के ख़िलाफ़ रिपोर्ट लिखी जो इस दुनिया को छोड़ अब परलोक सिधार चुका है । दरअसल मामला अयोध्या मेडिकल कॉलेज से जुड़ा हुआ है । जिस स्वर्गीय प्रभुनाथ मिश्रा पर थानेदार साहब ने मुक़दमा लिखा है उसका देहांत 8 अगस्त को हो गया था । अयोध्या के थानेदार साहब ने उसकी मौत के ठीक चालीस मिनट बाद प्रभुनाथ मिश्रा के ख़िलाफ़ एक शिकायत पर मुक़दमा दर्ज किया था ।

मामले की शुरुआत 29 जुलाई को होती है जब प्रभुनाथ मिश्रा का अयोध्या मेडिकल कॉलेज की दो एमबीबीएस छात्राओं ऋतु और निर्मला से पर्चा बनवाने को लेकर झगड़ा हो जाता है । विवाद इतना ज़्यादा बढ़ गया कि इस झगड़े में अयोध्या मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ज्ञानेन्द्र कुमार भी इस झगड़े में कूद पड़े । चश्मदीदों से बात चीत के बाद जो खबर खुल कर आ रही है उसकी माने तो अयोध्या मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ज्ञानेन्द्र कुमार , प्रभुनाथ मिश्रा को 29 जुलाई से लेकर 7 अगस्त तक लगातार प्रताड़ित करते रहे। परिवार वालों का कहना है कि तंग आकर प्रभुनाथ मिश्रा ने 7 अगस्त की शाम ज़हर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया फिर उसे उसी अयोध्या मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया और 14 घंटे इलाज के बाद उसे लखनऊ लाया गया ।

प्रभुनाथ की बिगड़ती हालत को देखते हुए तब तक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ज्ञानेन्द्र यह समझ चुके थे कि प्रभुनाथ का बचना मुश्किल है । उन्होंने आनन-फ़ानन में पेशबन्दी करते हुए छात्राओं से 29 जुलाई की पुरानी घटना की तहरीर दिलवाई जिससे उनपर बाद कोई आरोप ना लगा सके । इस बीच अपने बचाव की रणनीति बनाते -बनाते प्राचार्य ज्ञानेन्द्र कुमार से यहाँ पर एक चूक हो गई, वह यह भूल गये कि इसी घटना की वह समिति बनाकर जाँच करवा चुके हैं जिसमें प्रभुनाथ को दोषमुक्त किया जा चुका था ।

अयोध्या मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य साहब ने उन्होंने 29 जुलाई की घटना की FIR 8 अगस्त को 3:10 मिनट पर लिखवाई अर्थात् प्रभुनाथ के ज़हर खाने के 24 घण्टे बाद और प्रभुनाथ के मरने के 40 मिनट बाद क्योकि जब 8 अगस्त को 3:10 पर मुक़दमा लिखा गया तब तक लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर प्रभुनाथ को 8 अगस्त को ही 2:30 मिनट पर उसे मृत घोषित कर चुके थे ।

इधर अयोध्या पुलिस ने भी यह पता लगाना ज़रूरी नहीं समझा एक सप्ताह पूर्व के जिस मामले में जिस व्यक्ति पर मुक़दमा लिखा जा रहा वह उसके पीछे की वजह क्या है ? या यूँ कहें कि पुलिस ने अयोध्या मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ज्ञानेन्द्र कुमार व दोनों छात्राओं की पेशबन्दी करने में भरपूर मदद की ।

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