बुधवार को पहले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने रघुनाथ मंदिर (श्रीनगर, कश्मीर) के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है ।
कोर्ट ने रघुनाथ मंदिर की ₹400 करोड़ की संपत्ति को बहाल कर दिया और इससे जुड़े सभी फर्जी भूमि हस्तांतरण को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने बागात-ए-बरजुल्ला में स्थित मंदिर की 140 कनाल भूमि को तत्काल अपने कब्जे में लेने का आदेश दिया है। इस भूमि पर सीनियर एडवोकेट और जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मियां कयूम ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा था। अवैध रूप से कब्जाई गई मंदिर की भूमि पर उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को 25 से अधिक घरों में बसाया था और एक मस्जिद भी बनवाई थी।
हाईकोर्ट ने इन सभी संरचनात्मक अतिक्रमणों को हटाने के लिए कहा है।
श्रीनगर में रघुनाथ मंदिर पर 1989, 90, 91 और 92 में कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा बार-बार हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई। श्री राम और माता सीता की मूर्तियों को तोड़कर झेलम नदी में फेंक दिया गया। मंदिर का निर्माण महाराजा गुलाब सिंह ने 1835 में शुरू किया था, हालांकि वे मंदिर को पूरा नहीं कर पाए। उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे महाराजा रणबीर सिंह ने 1860 में इसका निर्माण पूरा किया।