मेरठ, 17 नवंबर 2024, रविवार। मेरठ में 997 मामलों के स्टांप घोटाले ने बड़ा रूप ले लिया है, जिसमें करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है। इस मामले में 997 केस सामने आ चुके हैं, जिनमें से सभी पर मुकदमा दर्ज कर प्रशासन ने पीड़ितों को रिकवरी के नोटिस भेजे हैं। पीड़ितों ने बताया कि वे इस बात से अनजान थे कि उनके बैनामे के लिए इस्तेमाल किए गए स्टांप फर्जी थे।
पीड़ितों ने आरोप लगाया कि स्टांप घोटाले का मास्टरमाइंड विशाल वर्मा है, जिसने इन स्टांपों को गलत तरीके से तैयार किया और उपयोग में लिया। पीड़ितों का कहना है कि उनकी किसी भी गलती के बिना, प्रशासन अब उनसे रिकवरी कर रहा है और उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रहा है।
सैकड़ों पीड़ित जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने जिलाधिकारी से रिकवरी नोटिस वापस लेने और मुख्य आरोपी विशाल वर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। जिलाधिकारी ने पीड़ितों को सुनते हुए उन्हें सलाह दी कि वे खुद विशाल वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएं।
मेरठ व्यापार मंडल ने भी इस घोटाले के खिलाफ पीड़ितों का समर्थन किया है। मंडल के अध्यक्ष शैंकी वर्मा ने दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक घोटाले की जांच पूरी नहीं होती, पीड़ितों से ब्याज और पेनल्टी की वसूली बंद की जानी चाहिए।