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Friday, May 10, 2024

भारतीय रेलवे ने 12000एचपी डबल्यूएजी 12बी का 100वां इंजन अपने बेड़े में शामिल किया

भारतीय रेलवे ने अपने बेड़े में 12000 हॉर्स पावर के 100 वें डब्लूएजी 12बी इंजन को शामिल कर लिया है। यह भारतीय रेल के लिए गौरव का क्षण है। लोको को डब्लूएजी 12बी नाम दिया गया है और इसका नंबर 60100 है। इस इंजन का निर्माण मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड (एमईएलपीएल) द्वारा किया गया है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Number60100OFLK.jpeg

यह इंजन अत्याधुनिक और उन्नत तकनीक के आईजीबीटी आधारित इंजन हैं जिन्हें 3 चरणों के अभियान के अंतर्गत निर्मित किया गया है और इन विद्युत चालित इंजनों की क्षमता 12000 हॉर्स पावर की है। अधिक क्षमता वाले इन इंजनों के भारतीय रेल के बेड़े में शामिल होने से रेल मार्गों पर भीड़ कम होगी क्योंकि इनकी औसत गति बेहतर है और यह अधिक लोड वाली मालगाड़ी को भी आसानी से खींच सकते हैं।

यह इंजन 706 केएन के अधिकतम संकर्षण के लिए सक्षम है, जो 150 में 1 की ढाल में 6000 टी ट्रेन का संचालन शुरू करने और चलाने में सक्षम है। 22.5 टी (टन) के एक्सल लोड के ट्विन बो-बो डिजाइन वाले इंजन (लोकोमोटिव) को 120 किमी प्रति घंटे की गति के साथ 25 टन तक उन्‍नत (अपग्रेड) किया जा सकता है।

उन्नत किस्म के रेल इंजनों का निर्माण मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत किया गया है और यह देश के माल ढुलाई अभियान में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। इन इंजनों के चलते माल गलियारों पर तथा अन्य मार्गों पर माल गाड़ियों की भीड़ में कमी लाने में मदद मिलेगी क्योंकि यह इंजन अधिक क्षमता में माल ढुलाई करने में सक्षम हैं और इनकी गति भी ज्यादा है। अब तक इन विद्युत चालित इंजनों को भारतीय रेलवे के सभी डिवीजन में लगाया गया है और यह बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। आने वाले समय में इस तरह के और अधिक विद्युत चालित इंजनों के उत्पादन की आशा है।

यह इलेक्ट्रिक इंजन समर्पित माल गलियारे के लिए कोयला ढोने वाली माल गाड़ियों हेतु बाजी पलटने वाले साबित होंगे। विद्युत चालित इंजनों को जीपीएस सिस्टम द्वारा ट्रैक किया जा सकता है ताकि इसके परिचालन को लेकर उपयुक्त रणनीति तैयार की जा सके। इस ट्रैकिंग व्यवस्था के लिए एंटीना और सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है जिन्हें नियंत्रण कक्ष में मौजूद सर्वर से माइक्रोवेव लिंक के द्वारा जोड़ा गया है।

डबल्यूएजी 12बी ई-लोको अब तक 48 लाख किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं और देश के 17 राज्यों तथा 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभिन्न आवश्यक वस्तुओं को पहुंचा चुके हैं।

यहां यह उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे ने मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड (एमईएलपीएल) के साथ खरीद और देखभाल समझौता किया है।

पहला 12000 हॉर्स पावर का इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव भारत में बिहार स्थित मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री में निर्मित हुआ और 18 मई 2020 को इसे भारतीय रेलवे के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन स्टेशन पर सेवा में सम्मिलित किया गया।

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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