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Saturday, May 4, 2024

पाकिस्तान की तरह उसका सदाबहार दोस्त चीन दुनियाभर में आतंक फैलाने की फिराक में

पाकिस्तान की तरह ही उसका सदाबहार दोस्त चीन दुनियाभर में आतंक फैलाने की फिराक में जुट गया है, जिसकी पुष्टि अफगानिस्तान में गिरफ्तार हुए उसके जासूसों से हो गई है। अफगानिस्तान में एक ऐसे चीनी जासूसों के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है, जिससे ड्रैगन को पूरी दुनिया में शर्मसार कर दिया है। अफगानिस्तान ने राजधानी काबुल में एक 10 सदस्यीय चीनी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है, जो एक आतंकी सेल का संचालन कर रहा था। यह जानकारी राजनयिकों और सुरक्षा अधिकारियों ने दी है। 

काबुल और नई दिल्ली में इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि यह मामला बीजिंग के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी के रूप में सामने आया है, जो अब इस मामले को छिपाने के लिए अशरफ गनी सरकार को मनाने की कोशिश कर रहा है। अफगानिस्तान ने दस चीनी नागरिकों को पकड़ा है, जो काबुल में आतंकी सेल चला रहे थे और जासूसी कर रहे थे। अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (एनडीएस) द्वारा जासूसी के आरोप और आतंकी सेल चलाने के आरोप में हाल ही में हिरासत में लिए गए 10 चीनी नागरिकों को चीन की जासूसी एजेंसी राज्य सुरक्षा मंत्रालय से जुड़ा माना जा रहा है। एनडीएस ने 10 दिसंबर को यह कार्रवााई शुरू की थी।

सालों में यह पहली बार है, जब चीनी नागरिक अफगानिस्तान में जासूसी करते पकड़े गए हैं। जब से अमेरिका ने अपने सैनिकों को वापस ले लिया है, तब से ही ड्रैगन की नजर तेजी से अपने प्रभाव के विस्तार पर है। काबुल के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि 10 चीनी नागरिकों में से कम से कम दो हक्कानी नेटवर्क के संपर्क में थे, जो तालिबान का आतंकवादी समूह है।

राष्ट्रपति अशरफ गनी को चीनी जासूसों के पकड़े जाने के बारे में जानकारी दे दी गई है। असरफ गनी ने इस मामले की संवेदनशीलता के मद्देनजर  इस केस की जांच के निगरानी की जिम्मेदारी अफगान खुफिया एजेंसी के पूर्व प्रमुख और प्रथम उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह को दी है। 

अमरुल्लाह सालेह ने चीनी राजदूत वांग यू के साथ काबुल में बैठक कर चीनी जासूसों के हिरासत की खबर दे दी है। ऐसा माना जा रहा है कि सालेह ने संकेत दिया कि अगर बीजिंग औपचारिक तौर पर माफी मांगता है तो अफगान सरकार चीनी जासूसों को क्षमा देने पर विचार कर सकती है। अफगानिस्तान ने साफ कहा है कि चीन के उस माफीनामे में अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन और काबुल के विश्वास के साथ विश्वासघात का स्पष्ट जिक्र हो। 

अगर चीनी सरकार ऐसा करने से मना करती है तो उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में अफगान सरकार आपराधिक कार्यवाही के साथ आगे बढ़ेगी। अमृतुल्लाह सालेह ने अफगान सरकार की इस मंशा से चीनी राजदूत को अवगत करा दिया है। काबुल में एक काउंटर-टेरर अधिकारी के अनुसार, हिरासत में लिए गए लोगों में से एक चीनी नागरिक ली यांगयांग जुलाई-अगस्त से ही चीनी इंटेलिजेंस के लिए काम कर रहा है। उसे अफगान एनडीएस ने 10 दिसंबर को कार्ट-ए-चार के पश्चिमी काबुल में उसके घर से गिरफ्तार किया था।

एनडीएस टीम ने 10 दिसंबर को उसके घर पर छापेमारी की थी, जहां से टीम ने हथियार, गोला-बारूद और केटामाइन पाउडर समेत कई आपत्तिजनक वस्तुओं को जब्त किया था। चीनी नागरिक ली से पूछताछ करने वाले एनडीएस के अधिकारियों ने बताया है कि काउंटर-टेरर अधिकारी के अनुसार, वह कुनार और बदख्शां प्रांतों में अल कायदा, तालिबान और उइगर के बारे में जानकारी जुटा रहा था। इसके अलावा, एक चीनी महिला को भी गिरफ्तार किया गया था, जो काबुल के शिरपुर में रेस्तरां चला रही थी। उसे भी उसी दिन गिरफ्तार किया गया।

आतंकवाद रोधी अधिकारी ने कहा कि उस चीनी महिला के घर से भी एनडीएस ने विस्फोटक सामग्री बरामद किया। उन्होंने कहा कि चीनी नागरिक ली और महिला शा दोनों हक्कानी नेटवर्क के संपर्क में थे। इसके बाद आठ और चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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