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Sunday, May 5, 2024

किसान आंदोलन में डट कर अपना कर्तव्य निभाते हुए दो आईपीएस अधिकारी कोरोना पोसेटिव

तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में दो पुलिस अधिकारी कोरोना संक्रमित मिले हैं। ये दोनों आईपीएस अधिकारी हैं। मालूम हो कि दिल्ली से सटीं कई सीमाओं पर किसानों का हल्ला बोल जारी है। किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

दो पुलिस अधिकारियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने की जानकारी देते हुए दिल्ली पुलिस ने बताया, ”एक डीसीपी और एक एडिशनल डीसीपी जोकि सिंघु बॉर्डर पर तैनात थे, वे दोनों कोरोना संक्रमित मिले हैं।”

गौरतलब है कि दिल्ली में प्रवेश करने से रोके जाने के बाद पिछले करीब दो सप्ताह से किसान सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। वे नए कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रखने की मांग कर रहे हैं। किसानों ने गुरुवार को कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तो वे रेल पटरियां अवरुद्ध कर देंगे। किसान संघों ने हुई अपनी बैठक के बाद कहा कि वे देश भर में रेल पटरियां अवरुद्ध करने की तारीख का जल्द ही ऐलान करेंगे।

‘नेशनल हाईवे को जाम करना शुरू करेंगे’

सिंघु बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत में किसान संघों ने कहा कि वे विरोध-प्रदर्शन को तेज करेंगे और राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने वाले सभी राजमार्गों को जाम करना शुरू करेंगे। सिंघु बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में किसान नेता बूटा सिंह ने कहा, ”अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई, तो हम रेल पटरियां अवरुद्ध करेंगे। हम इसकी तारीख तय कर जल्द ही घोषणा करेंगे। रेल पटिरियां सिर्फ पंजाब और हरियाणा में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अवरुद्ध की जाएंगी।” किसानों ने यह घोषणा ऐेसे वक्त की है, जब केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बातचीत जारी है और ऐसे में आंदोलन के अगले चरण की घोषणा करना उचित नहीं है। उन्होंने किसान संघों से फिलहाल बातचीत करने को कहा है।

‘हम खालिस्तानी नहीं, किसान हैं’

किसान आंदोलन में प्रदर्शनकारियों के साथ युवा वर्ग भी है। कई दिनों से चल रहे आंदोलन को अब सोशल मीडिया पर कई जगह आतंकवादी/खालिस्तानी के समर्थन का आंदोलन बताया जा रहा है, जिससे परेशान युवा वर्ग के लोगों ने आंदोलन को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए जिम्मा संभाल लिया है। टीकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसानों ने पोस्टर ले रखे हैं, जिस पर लिखा था कि हम आतंकवादी/खालिस्तानी नहीं, किसान हैं। इस पूरे पोस्टर मूवमेंट को संभालने का मुक्तसर जिले से आए दो भाइयों रोबिन और जगदीश ने संभाला हुआ है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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