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Monday, May 20, 2024

अमित शाह के बयान पर विपक्षी नेता ने कहा- कब तक घुसपैठिया पर राजनीति जारी रखेंगे

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने से इसके कारण पड़ने वाले असर को भांपते हुए कई राजनीतिक दलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। बढ़ते विरोध को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कड़े शब्दों में कह दिया है कि केंद्र सरकार को नागरिकता से संबंधित कानून बनाने और उन्हें लागू करने का अधिकार है। इसे निरस्त करना संभव नहीं है। हालांकि, अब विपक्षी दलों ने उनको आड़े हाथ ले लिया है। उनका कहना है कि वह पश्चिम बंगाल और असम में चुनाव जीतने के लिए अपना पहले वाला हथियार फिर से इस्तेमाल कर रहे हैं। 

नियमों को बनाने में उन्हें साढ़े चार साल लग गए: कांग्रेस सांसद
सीएए पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, कोरोना महामारी से पहले सीएए बिल संसद में पारित हुआ था और नियमों को बनाने में उन्हें साढ़े चार साल लग गए। वे पश्चिम बंगाल और असम में विभाजन करना और चुनाव जीतना चाहते थे। फिर से वे पश्चिम बंगाल और असम जीतने के लिए उसी हथियार का उपयोग कर रहे हैं। अमित शाह का लोगों को धोखा देने का प्रयोग काम नहीं करेगा।’

सीएम पर लगा रहे आरोप: टीएमसी नेता
टीएमसी नेता सागरिका घोष ने कहा, ‘गृह मंत्री अमित शाह बंगाल सरकार पर घुसपैठियों और शरणार्थियों के बीच अंतर नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। ममता बनर्जी पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगा रहे हैं। आप कब तक इस ‘घुसपैठिया’ पर राजनीति जारी रखेंगे?’

यह केवल मुसलमानों के प्रति भाजपा की नफरत दिखाता है: डीएमके
डीएमके प्रवक्ता टीकेएस इलांगोवन ने कहा, ‘पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का मतलब है कि वहां रहने वाले लोग भारतीय हैं। उन लोगों का क्या होगा जो वापस आना चाहते हैं, वे सभी मुस्लिम हैं लेकिन क्या वे भारतीय नहीं हैं? अगर वे भारतीय नहीं हैं तो क्या आप दोहरा गेम खेल रहे हैं? यह केवल मुसलमानों के प्रति उनकी (भाजपा) नफरत को दिखाता है न कि देश के हित में।’

यह है मामला

अमित शाह ने एक इंटरव्यू में विपक्षी नेताओं पर ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ करने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि सीएए मोदी सरकार द्वारा लाया गया है। इसे रद्द करना संभव नहीं है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद सभी राजनीतिक दल साथ आएंगे और सहयोग करेंगे। 
 

क्या आपके पास अधिकार है?
गृह मंत्री शाह ने सवाल करते हुए कहा, ‘क्या आपके पास अधिकार है कि आप इसके लागू होने से इनकार कर सकते हैं?’ उन्होंने कहा कि यह लोग समझते हैं कि उनके पास अधिकार नहीं है। हमारे संविधान में नागरिकता से संबंधित कानून बनाने का अधिकार केवल संसद को दिया गया है। कानून और उसके लागू करने का अधिकार केंद्र का क्षेत्र है, न कि राज्य का।

उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे संविधान का अनुच्छेद 11 संसद को नागरिकता के संबंध में नियम बनाने की सारी शक्तियां देता है। मुझे लगता है कि चुनाव के बाद हर कोई सहयोग करेगा। वे तुष्टिकरण की राजनीति के लिए दुष्प्रचार कर रहे हैं।’

ममता पर वार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा। कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख शरणार्थियों और घुसपैठियों के बीच का अंतर नहीं समझती हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं ममता बनर्जी से अपील करना चाहता हूं। राजनीति के लिए कई मंच हैं। कृपया बांग्लादेश से आए बंगाली हिंदुओं का विरोध न करें। आप खुद बंगाली हैं। मैं उन्हें खुली चुनौती दे रहा हूं और उन्हें हमें यह बताना चाहिए कि इस कानून में कौन सा भाग किसी की नागरिकता छीन रहा है। वह सिर्फ डर पैदा कर रही हैं और वोट बैंक को मजबूत करने के लिए हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा कर रही हैं।’

यह है सीएए
नागरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था। एक दिन बाद ही इस विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी। सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी। ऐसे अल्पसंख्यक, 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हों।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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