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Monday, May 20, 2024

अमिताभ बच्चन ने माता-पिता की शादी की सालगिरह पर उन्हें याद किया , कहा इस रिश्ते ने समाज की रुढ़ियों को तोड़ने का काम किया था

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने माता-पिता की शादी की सालगिरह पर उन्हें याद किया है। अमिताभ बच्चन ने ब्लॉग में माता-पिता की शादी को लेकर लिखा है कि इस रिश्ते ने समाज की रुढ़ियों को तोड़ने का काम किया था। अमिताभ बच्चन ने लिखा है, ’23 जनवरी की आधी रात बीती और 24 तारीख शुरू हुई। मां और बाबूजी की शादी की सालगिरह…।’ इसके आगे अमिताभ लिखते हैं, ’24 जनवरी, 1942। एक शादी जिसने तमाम बैरियर तोड़ डाले। जाति और नस्ल से परे बच्चन नाम स्वीकार किया और फिर मैं इस दुनिया में आया।’ 

अमिताभ बच्चन ने लिखा, ‘दोनों की मुलाकात का किस्सा बाबूजी की ऑटोबायोग्राफी में है। तब से अब तक जो मोमेंट मैंने कैप्चर किए हैं या दोहराया है, वे भी जल्दी ही आपके सामने होंगे।’ अमिताभ बच्चन ने एक बार ब्लॉग पर ही अपनी पोस्ट में बताया था कि उनके पिता और मां ने बच्चन सरनेम क्यों अपनाया था। अमिताभ बच्चन ने बताया था कि उनके पिता कास्ट सिस्टम के प्रबल विरोधी थे और इसके चलते उन्होंने बच्चन सरनेम अपना लिया था। यह नाम उन्होंने एक कवि के तौर पर अपने लिया चुना था, लेकिन फिर अमिताभ बच्चन के जन्म के बाद यही परिवार का सरनेम हो गया।  

अमिताभ बच्चन ने अपने सरनेम की कहानी के बारे में बताते हुए लिखा था, ‘बाबूजी का जन्म कायस्थ परिवार में हुआ था और श्रीवास्तव लिखते थे। लेकिन वह हमेशा जाति और उसकी पहचान के खिलाफ थे। ऐसे में उन्होंने कवि के तौर पर अपना सरनेम बच्चन लिखना शुरू कर दिया था। वह दौर था, जब दिग्गज कवि अपने सरनेम इसी तरह के रख लिया करते थे। लेकिन यह परिवार का सरनेम तब बना जब मेरा जन्म हुआ। स्कूल में मेरे दाखिले के वक्त टीचर्स ने पूछा था कि बच्चे का सरनेम क्या होगा। इस पर मेरी मां और पिता ने तत्काल डिस्कशन किया और बच्चन ही सरनेम लिखवा दिया। इस तरह बच्चन सरनेम अपनाने वाला मैं पहला व्यक्ति था।’

amitabh bachchan photo

खत्री सिख परिवार से था अमिताभ की मां का ताल्लुक: बता दें कि अमिताभ बच्चन अकसर अपनी पारिवारिक तस्वीरें और किस्से सोशल मीडिया पर फैन्स के साथ शेयर करते रहते हैं। बीते दिनों उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति में बताया था कि उनके परिवार का आनंद पुर साहिब से करीबी रिश्ता रहा है। उनकी मां तेजी बच्चन खत्री पंबाजी फैमिली से थीं। उनका परिवार अकसर सिख पंथ के तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए जाया करता था।  

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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