बिहार में वोटों की गिनती जा रही है। पल-पल रुझान बदल रहे हैं। शुरू में महाठबंधन आगे चल रही थी तो धीरे धीरे एनडीए ने वापसी कर ली है। ताजा रुझान को देखकर लग रही है कि इस बार किसी को बहुमत ना मिले। ऐसे में किंग मेकर की भूमिका बढ़ जाएगी। इस तरह सबकी निगाहें चिराग पासवान पर रहेंगी। वैसे लोक जनशक्ति पार्टी का शुरुआती रुझानों में बुरा हाल दिख रहा था, लेकिन अब उसकी स्थिति सुधरती दिख रही है। शुरुआती करीब एक घंटे की काउंटिंग में चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी सिर्फ एक सीट से खाता खुला था, लेकिन अब उनकी पार्टी सात सीटों पर आगे चल रही है।
वोट प्रतिशत में भी एलजेपी आगे चल रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक सुबह दस बजे तक आरजेडी 23.8 प्रतिशत, बीजेपी 21 प्रतिशत, जेडीयू 14.6 प्रतिशत, कांग्रेस 8.8 प्रतिशत और
एलजेपी को 5.71 प्रतिशत वोट मिले थे। वैसे चिराग बार-बार कह चुके हैं कि वह मोदी के हनुमान हैं और इस बार भाजपा और एलजेपी की सरकार बनेगी।
चुनाव में भाजपा के लिए क्या क्या बोले चिराग :
– हां मैं केंद्र में भाजपा का समर्थन कर रहा हूं। गठबंधन सरकार में ऐसा होता रहा है, जब आप केंद्र में जदयू ने ऐसा किया, मणिपुर में हमने ऐसा किया। हम भाजपा के खिलाफ लड़े, लेकिन नतीजा आने के बाद उन्हें सरकार बनाने के लिए हमारे विधायकों की जरूरत थी। हम साथ आ गए।
– इस तरह ही बिहार चुनाव में हम प्रचार में एक दूसरे के खिलाफ क्या कह रहे हैं, इसका कोई मतलब नहीं। मुझे पूरा विश्वास है कि 10 नवंबर के बाद राज्यमुझे पूरा विश्वास है कि 10 नवंबर के बाद राज्य में भारत के नेतृत्व में भाजपा-लोजपा की सरकार होगी।’
– बिहार में अगली सरकार भाजपा के नेतृत्व में बनेगी, जिसमें लोजपा भी शामिल रहेगी। लोजपा के सभी विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम करेंगे।
– प्रधानमंत्री गठबंधन धर्म निभाएं, मैं उन्हें धर्मसंकट में नहीं डालना चाहता
– ‘मेरे और प्रधानमंत्री के रिश्ते कैसे हैं मुझे इसका प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं है. पापा (केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान) जब अस्पताल में थे तब से लेकर उनकी अंतिम यात्रा तक उन्होंने मेरे लिए जो कुछ किया उसे मैं कभी नहीं भूल सकता.’
– ‘मैं नहीं चाहता की मेरी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी धर्मसंकट में पड़ें. वह अपना गठबंधनधर्म निभाएं. आदरणीय मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संतुष्ट करने के लिए मेरे खिलाफ भी कुछ कहना पड़े तो नि:संकोच कहें.’
– ‘नीतीश कुमार को भाजपा के साथियों का धन्यवाद करना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री के खिलाफ इतना आक्रोश होने के बावजूद गठबंधनधर्म निभा रहे हैं और हर दिन नीतीश कुमार को प्रमाण-पत्र देते है कि वह चिराग के साथ नहीं है.’
– ‘बिहार फर्स्ट की सोच, जदयू के नेताओं की गले की फांस बन चुका है. प्रधानमंत्रीजी के विकास के मंत्र के साथ मैं और बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट प्रतिबद्ध हूं.’
– अच्छा है, अगर हम वोट बांटने वाले हैं, तो उन्होंने हमें 2014 से अब तक क्यों अपने गठबंधन में रखा। की असुरक्षा की भावना है, जो वे भाजपा नेताओं से ऐसे बयान देने के लिए कह रहे है कि एलजेपी वोट कटवा पार्टी है।
– मेरा रोड मैप साफ है, मैं बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन के साथ आगे बढ़ रहा हूं। हमने जमीन पर नीतीश के खिलाफ जो गुस्सा देखा है कि मैं ये कह सकता हूं कि मौजूदा मुख्यमंत्री लौट कर दोबारा मुख्यमंत्री कभी नहीं बनेंगे।