कोरोना वायरस महामारी से सुस्त हुई अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए मोदी सरकार एक और प्रोत्साहन पैकेज का डोज देने की तैयारी कर रही है। सरकार के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि अर्थव्यवस्था को ऐतिहासिक संकुचन से बाहर निकालने के लिए इस सप्ताह 20 अरब डॉलर (1488 अरब रुपए यानी करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए) के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया जा सकता है। सरकार ने आज ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 10 क्षेत्रों में दो लाख करोड़ रुपए के उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) का ऐलान किया है। ऑटो, फार्मा, दूरसंचार, कपड़ा, खाद्य उत्पाद, सोलर पीवी जैसे क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन दिए जाएंगे।
पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी इस प्लान को गुरुवार को अंतिम रूप देंगे। सूत्रों ने पैकेज का अधिक ब्योरा देने से इनकार करते हुए कहा कि यह दबाव में चल रहे सेक्टर्स के लिए होगा, जिसका मकसद रोजगार में वृद्धि है।
मई में आया भारत सरकार का पिछला प्रोत्साहन पैकेज कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को लगे झटके को मोटे तौर पर कम करने में पूरी तरह सफल नहीं हुआ था। इस पैकेज का फोकस तरलता बढ़ाने और छोटो कारोबारों को आसान ऋण उपलब्ध कराना था। लेकिन खर्च को बढ़ावा देने के लिए अधिक नहीं किया गया था। इस पैकेज में कोरोना से बुरी तरह प्रभावित सेक्टर जैसे टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी और एविएशन छूट गए थे।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ साल पहले ही इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (आईएमएफ) ने इशारा किया था कि यह दुनिया की सबसे तेज बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में होगी। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से मार्च में लॉकडाउन की वजह से इसमें 23.9 फीसदी संकुचन हुआ।
देश के बड़े शहरों में कोरोना वायरस केस अभी भी तेजी से बढ़ रहे हैं और प्रतिदिन 40 हजार से अधिक केस आ रहे हैं। हालांकि, पिछले तीन महीनों में पहली बार एक्टिव केस 5 लाख से कम हो गए हैं। सरकार ने अधिकतर प्रतिबंधों को हटा लिया है।