नई दिल्ली. दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय में लगातार बैठकों का दौर जारी रहा. गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर और आला अधिकारियों को निर्देश दिए कि दिल्ली में हर हाल में कानून-व्यवस्था कायम हो और आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो. इसके अलावा उपद्रवकारियों ने लाल किले को जो नुकसान पहुंचा है इस प्रकरण का भी गृह मंत्रालय बेहद गंभीरता से आकलन कर रहा है. बैठक के दौरान दिल्ली में किसानों द्वारा हुए उपद्रव और हिंसा पर गृह मंत्री को विस्तृत रिपोर्ट दी गई. इस बैठक में आईबी प्रमुख और सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े आला अधिकारी मौजूद थे.
बैठक में लाल किले पर उपद्रव की घटना को लेकर चर्चा हुई जिस पर संबंधित एजेंसियों को सख्ती से कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा पुलिस अधिकारियों को उपद्रवकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
कल शाम से लेकर अब तक दिल्ली पुलिस ने जो गृह मंत्रालय को इनपुट दिया है उसके मुताबिक अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का काम हिंसा ग्रस्त इलाकों में पूरा किया गया जिन इलाकों में कल हिंसा हुई थी वहां फिलहाल हालात काबू में हैं. गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक घायल पुलिसकर्मियों को बेहतर इलाज मुहैया करवाने का आदेश दिया गया है और ज़रूरत पड़ने पर और भी पैरामिलिट्री फ़ोर्स तैनात की जाएगी. हिंसा के 1 दिन बाद यानी बुधवार को ही गृह सचिव की अध्यक्षता में भी एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में गृह सचिव, कानून मंत्रालय के सचिव, एडिशनल सेक्रेटरी (UT)और IB के अधिकारी मौजूद रहे. जिसके बाद लाल किले पर झंडा फहराने वालों के खिलाफ गृह मंत्रालय कड़ी कानूनी कार्रवाई का विचार कर रहा है.
कानून मंत्रालय की मदद ले रहा है गृह मंत्रालय
उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय कानून मंत्रालय की मदद ले रहा है. CCTV के जरिये उपद्रवियों की पहचान कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. दिल्ली पुलिस लाल किले पर हुई हिंसा की जांच में IB और केंद्रीय एजेंसियों की मदद ले रही है.डीजी सीआरपीएफ और गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई जिसमें गृह सचिव भी शामिल थे. दिल्ली में पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती और रिजर्व फोर्स को एलर्ट पर रखने को लेकर चर्चा हुई. ये बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली.
संबंधित एजेंसियों की दिल्ली हिंसा के बाद जांच भी शुरू हो गई है अब गृह मंत्रालय की प्राथमिकता यही है कि समन्वय से काम हो और आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत इकट्ठा किए जाएं.