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Friday, May 3, 2024

योगी मंत्रिपरिषद 2.0- केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक से कम नहीं इन मंत्रियों का कद, जितिन का मंत्रालय तो सबसे चौंकाने वाला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रियों का कद तो पद देकर तय किया गया, लेकिन विभाग वितरण में समन्वय व नतीजे की चिंता साफ नजर आ रही है। कद की बात करें तो मुख्यमंत्री के बाद दोनों उप मुख्यमंत्री आते हैं। पर, दोनों ही उप मुख्यमंत्री को लेकर पर्दे के पीछे कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गए थे। समझा जा रहा है कि विभागों के  वितरण में उन सवालों को हल करने की कोशिश की गई है और सियासी नजरिए से ज्यादा महत्वपूर्ण माने जाने वाले कई बड़े विभागों की जिम्मेदारी अन्य वरिष्ठ मंत्रियों को दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री की कैबिनेट में दो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक शामिल किए गए। भाजपा में केशव विरोधी तबका विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाने पर अंदरखाने नुक्ताचीनी कर रहा था। इसी तरह ब्रजेश पाठक को भी उप मुख्यमंत्री बनाना, कई लोगों को नहीं सुहा रहा। पर्दे के पीछे पाठक की पुरानी बसपाई पृष्ठभूमि को आगे किया जा रहा है। ब्रजेश 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले बसपा से भाजपा में आए थे। पर, दोनों को ही उपमुख्यमंत्री बनाने के ठोस वजह रही।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्य।

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चुनाव हारने की बात अपनी जगह है, लेकिन केशव यूपी में भाजपा के एकलौते पिछड़ा चेहरा हैं, जिनके नाम पर भीड़ जुटती है। इसी तरह ब्रजेश पाठक पिछले पांच वर्ष में अपनी सक्रियता से ब्राह्मण चेहरे के रूप में छाप छोड़ने में सफल रहे हैं। ऐसे में दोनों ही नेताओं की उपमुख्यमंत्री के पद पर ताजपोशी चौंकाने वाली नहीं रही।

केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक।

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मंत्रिमंडल के एलान के काफी पहले से ही हारने के बावजूद केशव और ब्राह्मण चेहरे के रूप में पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाने का अनुमान लोगों की जुबान पर था। मगर विभाग वितरण में पार्टी के भीतर से उठ रहे सवालों को ठंडा करने की कोशिश नजर आ रही है। मसलन, केशव को लोक निर्माण जैसा महकमा दोबारा नहीं दिया गया।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

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यह एकमात्र विभाग है, जिससे सीधे तौर पर सभी विधायक जुड़े रहते हैं। दूसरा, 17वीं विधानसभा के ज्यादातर विधायक लोक निर्माण विभाग में उनके काम से संतुष्ट थे। केशव को लोक निर्माण से थोड़ा कम महत्व का माने जाने वाले ग्राम्य विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि यह विभाग ग्रामीण आबादी की जीवन व जीविका से सीधे तौर पर जुड़ा है। पीएम सड़क योजना जैसी बड़ी योजना साथ में है। वह अपनी सक्रियता से इस विभाग में अलग छाप छोड़ सकते हैं।
उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ब्रजेश पाठक।

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ब्रजेश पाठक ने कोविड महामारी के दौरान लखनऊ में महामारी से प्रभावित लोगों की मदद में अलग पहचान बनाई। उन्हें चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा जैसा महकमा एक साथ देकर उनके पद के साथ कद को भी तवज्जो दी गई है। पर पीडब्ल्यूडी, नगर विकास या ऊर्जा जैसा बड़ा महकमा न देकर अंदरखाने की आवाज जैसे सुन ली गई है।
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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