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Thursday, May 2, 2024

योगी आदित्यनाथ का अत्याचार : *ढाई साल का मासूम, नाबालिग निर्दोष ख़ुशी दुबे सहित 4 महिलाएँ जेल में क्यों ? – संजय सिंह

योगी सरकार यूपी को जुर्म का टापू बनाना चाहती है, अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे, मां क्षमा दुबे, हीरू दुबे की मां शांति दुबे और नौकरानी रेखा अग्निहोत्री अपने ढाई साल के मासूम बेटे के साथ 10 महीने से जेल में यातनाएं झेल रहे है, जबकि शुरुवाती FIR में इन सबका नाम भी नही -संजय सिंह

बिकरू कांड में निर्दोष खुशी दुबे सहित 4 महिलाओं को विधि विरुद्ध कार्रवाई करके 10 महीने से जेल में रखने पर ‘आप’ के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने योगी सरकार से कहा प्रतिशोध की राजनीति बंद करे

राज्यपाल महोदया को AAP सांसद संजय सिंह ने पत्र लिखकर की अपील, हस्तक्षेप कर चारों निर्दोष महिलाओं को न्याय और जेल से मुक्त कराएं महामहिम .

उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ की सरकार ने जुर्म और ज्यादती की सारी इंतहा पार कर ली है। नफरत, दुर्भावना और प्रतिशोध की राजनीति से उत्तर प्रदेश की सरकार चल रही है। बिकरू कांड में निर्दोष खुशी दुबे सहित 4 महिलाओं को विधि विरुद्ध कार्रवाई करके 10 महीने से जेल में रखने पर ‘आप’ के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को गोमती नगर स्थित पार्टी कार्यालय पर पत्रकार वार्ता में ये बातें कहीं। उन्होंने भी बिकरू कांड की याद दिलाते हुए कहा कि आपको याद होगा इसके बाद कई एनकाउंटर हुए थे। उसमें अमर दुबे का एनकाउंटर भी हुआ था। पुलिस ने मामले में 3 दिन पहले अमर दुबे से ब्याही गई खुशी दुबे को गिरफ्तार किया और जब मामले ने मीडिया में तूल पकड़ा तो वहां के तत्कालीन एसएसपी ने बयान दिया कि खुशी निर्दोष है और उसको छोड़ दिया जाएगा । इसके बाद भी खुशी दुबे आज 10 महीने से जेल में यातनाएं झेल रही है। उसे खून की उल्टियां हो रही हैं। दो बार बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हो चुकी है। गरीब माता-पिता उसकी रिहाई के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। वह खुशी की हत्या का अंदेशा भी जता चुके हैं। जिस खुशी दुबे को खुद तत्कालीन एसएसपी ने निर्दोष बताया था उस पर हत्या से लेकर विस्फोटक अधिनियम तक का मुकदमा दर्ज कर दिया गया। उस पर 17 धाराएं लगा डालीं। खुशी दुबे का मामला मीडिया की सुर्खियां बनने के कारण चर्चा में आया, मगर खुशी की तरह तीन अन्य महिलाएं और एक ढाई साल का बच्चा भी है। अमर दुबे की मां क्षमा दुबे पिछले 10 महीनों से जेल में है, उसका क्या अपराध है पुलिस बताने को तैयार नहीं। प्रदेश सरकार और प्रशासन भी कुछ बोल नहीं रहा। एक अन्य अभियुक्त हीरू दुबे की मां शांति दुबे को भी जेल में रखा गया है। शांति दुबे की गलती क्या, गुनाह क्या, अपराध क्या, यह न तो योगी सरकार बताने को तैयार है और न ही पुलिस। खुशी दुबे की तरह दर्दनाक मामला विकास दुबे के घर काम करने वाली नौकरानी रेखा अग्निहोत्री का है। घटना के बाद उसे पुलिस ने उसकी 7 साल की बच्ची और ढाई साल के बच्चे के साथ जेल भेजा था। कोर्ट के हस्तक्षेप पर बच्ची तो मौसी के पास भेज दी गई लेकिन निर्दोष बेटा मां के साथ 10 महीने से जेल में है। योगी आदित्यनाथ शर्म करिए, यह बच्चा जब बड़ा होगा तो बेगुनाह होने के बाद भी जेल में बर्बाद हुए बचपन के बारे में आपसे सवाल पूछेगा। संजय सिंह ने मुकदमे की पहली एफ आई आर की कॉपी पेश करते हुए कहा कि इन चारों महिलाओं का नाम केस में नहीं था है नहीं। ऊपर से खुशी को तो तत्कालीन एसएसपी ने बेगुनाह बताकर रिहाई की कार्रवाई शुरू करने की बात कही थी। मैं पूछना चाहता हूं योगी आदित्यनाथ से कि क्या प्रदेश में कानून और संविधान नाम की कोई चीज शेष है या नहीं। उन्हें बताना चाहूंगा कि जब तक आम आदमी पार्टी का अस्तित्व है तब तक हम उत्तर प्रदेश को यातना गृह नहीं बनने देंगे। हम योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश को हिटलर के गैस चैंबर जैसा नहीं बनाने देंगे।

महामहिम महिला है समझेंगी महिलाओं का दर्द : संजय सिंह

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बिकरु कांड में 4 महिलाओं सहित ढाई साल के बच्चे को विधि विरुद्ध ढंग से 10 महीने से जेल में रखने पर राज्यपाल को पत्र लिखा है। राज्यसभा सांसद ने इस संबंध में कहा कि महामहिम महिला हैं और वह महिलाओं की पीड़ा समझेंगी। प्रदेश में कानून और संविधान की वह रक्षक हैं। ऐसे में पत्र भेजकर उन्हें मामले की पूरी जानकारी देकर उनसे प्रकरण में हस्तक्षेप की अपील की है। पूरा भरोसा है कि वह चारों महिलाओं को न्याय दिलाएंगी और उन्हें शीघ्र जेल से मुक्त कराएंगी।

टीके के नाम पर राजनीति कर रही भाजपा
एक सवाल के जवाब में संजय सिंह ने कहा कि अगर देश में टीके के नाम पर किसी ने राजनीति की है तो वह है भाजपा। प्रधानमंत्री नवंबर में वैक्सीन निर्माण का निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं। बड़े-बड़े दावे किए गए पर अब तक देश में केवल 3.50 फ़ीसदी लोगों को ही वैक्सीन लग सकी है। अब मोदी जी ने आकर कहा कि हिंदुस्तान में कोरोना का टीका मुफ्त लगेगा। उनकी इस घोषणा पर हंसी आती है। बजट में 35000 करोड रुपए का प्रावधान मुफ्त टीकाकरण के लिए किया गया था। फिर भी देश में पैसे लेकर टीकाकरण कराया जा रहा था। माननीय उच्च न्यायालय ने केंद्र की चोरी पकड़ते हुए बजट में स्वीकृत 35000 करोड़ रुपए का हिसाब मांगा तो मोदी जी ने आकर कह दिया कि अब टीके मुफ्त लगेंगे। लेकिन अब तक जिन से टीके के बदले पैसे लिए गए उसका क्या? इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि यह मोदी सरकार का टीकाकरण घोटाला है |

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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